नवरात्र के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, करें इस मंत्र का जाप, होंगी प्रसन्न
आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है। इस दिन माँ दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने मनुष्य में तप, त्याग, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमण्डल रहता है। नवरात्र के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है कि जिनका विवाह तय हो गया है लेकिन अभी शादी नहीं हुई है।
कन्याओं को घर बुलाकर पूजा के बाद भोजन कराया जाता है. कपड़े और बर्तन उपहार स्वरुप दिए जाते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार मां पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कई हजार वर्षों तक ब्रह्मचारी रहकर घोर तपस्या की थी। तभी से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ गया।
नवरात्रि के दूसरे दिन भक्त अपने मन-मस्तिष्क को ब्रह्मचारिणी के श्री चरणों मे एकाग्रचित करके स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और उनके मंत्रों का जाप कर मनचाही इच्छा पूरी होने का वरदान पाते हैं।
कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। सर्वप्रथम साफ़ कपड़े पहनकर मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा के सामने पुष्प, दीपक अर्पण करते हैं. तत्पश्चात इस मंत्र का जाप करें-
‘दधानां करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डल।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।’