
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद शाह का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) और संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) की पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को रिपोर्ट से हटाने को निर्देश दिया है। ईसीएल में नाम आने के बाद बिलावल और शाह के विदेश जाने पर रोक लग गई थी।
फर्जी बैंक खातों के जरिये अरबों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही जेआईटी ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें बिलावल, उनके पिता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी समेत कई कारोबारी हस्तियों के नाम शामिल थे। इस मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार से बिलावल और सिंध के मुख्यमंत्री का नाम ईसीएल से हटाने का निर्देश दिया।
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साथ ही, इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को सौंपी दी। कोर्ट ने नैब से दो महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। अंग्रेजी अखबार ‘डॉन’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने सरकारी वकील से पूछा कि सरकार ने बिलावल का नाम ईसीएल में क्यों डाला? इस मामले में बिलावल को क्यों शामिल किया गया? जेआईटी और सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना होगा। साथ ही चीफ जस्टिस ने सिंध के मुख्यमंत्री का नाम भी ईसीएल में डालने पर नाखुशी जाहिर