
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट दिखाए जाने पर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ‘ओटीटी प्लेटफार्म्स पर स्क्रीनिंग की जरूरत है जिसपर कभी-कभी पोर्नोग्राफी भी दिखाई जाती है।’ सुप्रीम कोर्टका कहना है कि वो इसपर केंद्र का रेगुलेशन देखेना चाहता है। इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

अपर्णा पुरोहित की वकालत करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि ‘ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के रेगुलेशन हाल ही में आए हैं। मेरी मुवक्किल अमेजन की एक कर्मचारी हैं जिन्होंने सीरियल बनाया, मामला उनके खिलाफ बनता है। हमारे खिलाफ 10 मामले दर्ज कर दिए गए हैं।’
हाल ही में हिंदू देवी-देवताओं के प्रति कथित आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के आरोप में वेब सीरीज ‘तांडव’ के मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। हजरतगंज कोतवाली में सीरीज में हिंदू देवी देवताओं का कथित रूप से अपमानजनक चित्रण किए जाने के आरोप में अपर्णा पुरोहित समेत सीरीज के निर्देशक अली अब्बास, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा और लेखक गौरव सोलंकी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया हुआ था।

OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए सरकार की तरफ से गाइडलाइंस जारी हुई है। इसकी जानकारी आईटी व सूचना प्रसारण मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी थी। बताया गया था कि सरकार सोशल मीडिया और OTT प्लटेफॉर्म्स के लिए कुछ गाइडलाइंस लाने वाली है। इन गाइडलाइंस के अनुसार ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने कंटेंट क्रिएशन की जानकारी सरकार को बतानी पड़ेगी। इसके साथ ही रेगुलेशन का भी पालन करना पड़ेगा। गाइडलाइंस में नियमन इकाई भी बनाने की बात कही गयी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति प्लेटफॉर्म्स को हेड करेंगे।