“सोमवार को नहीं करेंगे ‘संसद मार्च’, 4 दिसंबर तक करेंगे PM की चिट्ठी का इंतज़ार”: संयुक्त किसान मोर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था, जिसके बाद बुधवार (23 नवंबर) को केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव पर मंज़ूरी दे दी थी। इसके बाद शनिवार 27 नवंबर) को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें किसानों ने 29 नवंबर को होने वाले ‘संसद मार्च’ को स्थगित करने का फ़ैसला किया है। किसान नेता दर्शनपाल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा की, “हम अगली बैठक 4 दिसंबर को करेंगे। सरकार ने हमसे वादा किया है कि 29 नवंबर को क़ानून संसद में रद्द होंगे। हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें हमनें कई माँगे रखी थीं। हमने माँग की थी किसानों के ऊपर जो मुक़दमे दर्ज हुए थे, उन्हें रद्द किया जाए। MSP की गारंटी दी जाए। जो किसान इस आंदोलन में शहीद हुए हैं उनको मुआवज़ा दिया जाए। पराली और बिजली बिल भी रद्द किया जाए। हम 4 दिसंबर तक प्रधानमंत्री की चिट्ठी का इंतज़ार करेंगे। इसके बाद हम अगले एक्शन का ऐलान करेंगे।”

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार (27 नवंबर) को बताया कि, ‘किसानों द्वारा पराली जलाने को अपराध नहीं माना जाएगा। अब उनकी लगभग सभी माँगें मान ली गईं हैं, ऐसे में उन्हें आंदोलन ख़त्म करके घर की ओर लौट जाना चाहिए।’ सोमवार (29 नवंबर) को सरकार की ओर से कृषि क़ानूनों को वापस लेने वाले बिल को संसद में पेश किया जाएगा। भाजपा ने तीन लाइनों का व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को सोमवार (29 नवंबर) को सदन में मौजूद रहने को कहा है।

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