संभल हिंसा: पुलिस को मिले 40 गुमनाम पत्र, 15 संदिग्धों से पूछताछ
पुलिस को मिले पत्रों में बुलंदशहर, रामपुर, अमरोहा, मुरादाबाद और हापुड़ से संभल आए लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। पुलिस ने बताया कि उन्होंने पत्रों में दी गई जानकारी के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कुछ सप्ताह पहले हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस को 40 से अधिक गुमनाम पत्र मिले हैं। यह हिंसा तब से चर्चा में है जब इलाके के आसपास से हिंदू मंदिरों और बावड़ियों का पता चला था। पुलिस के अनुसार, इन पत्रों में हिंसा में अलग-अलग इलाकों के लोगों के शामिल होने और संभल में ‘बाहरी लोगों’ के आने का जिक्र है।
कथित तौर पर इन पत्रों में हापुड़ से सुबह 3 बजे संभल के लिए निकलने वाले लोगों और बुलंदशहर, रामपुर, अमरोहा और मुरादाबाद से संभल पहुंचने वाले लोगों का भी जिक्र है। पुलिस ने कहा कि वह पत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगी। पुलिस इस मामले में 15 संभावित संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और इन इलाकों से सबूत जुटाने के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं। करीब 200 लोगों की कॉल डिटेल भी हासिल की गई है।
संभल में खुदाई के दौरान बावड़ी मिली
चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में खुदाई के दौरान करीब 125 से 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर में फैली एक बावड़ी मिली है। चंदौसी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि शनिवार को खुदाई शुरू हुई।
यह घटना 13 दिसंबर को संभल में भस्म शंकर मंदिर के 46 साल तक बंद रहने के बाद फिर से खुलने के बाद हुई है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान यह संरचना मिली। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के कुएं के अंदर दो क्षतिग्रस्त मूर्तियाँ पाई गईं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस बावड़ी का निर्माण बिलारी के राजा के नाना के शासनकाल के दौरान हुआ था।