डॉलर के मुकाबले रुपया पहुंचा,अपने रिकॉर्ड के सबसे निचले स्तर पर

pragya mishra

विदेशी फंडों के बाहर निकलने के कारण रुपया घटकर 80.01 डॉलर के निचले स्तर पर आ गया।इस वर्ष अब तक देश की इक्विटी से लगभग 30 बिलियन डॉलर के विदेशी फंडों के बाहर निकलने से मुद्रा प्रभावित हुई है।

बता दें कि(foreign investors) विदेशी निवेशकों द्वारा देश की इक्विटी बेचना जारी रखने की बजह से ,भारतीय रुपया एक और रिकॉर्ड निचले स्तर को छू गया है।मंगलवार को रुपया घटकर 80.0125 प्रति डॉलर पर आ गया। इस साल अब तक देश की इक्विटी से लगभग 30 बिलियन डॉलर के विदेशी फंडों के बाहर निकलने के कारण से मुद्रा प्रभावित हुई है। जानकारों का मानना है कि तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी फंडों की निकासी से इंडियन करेंसी में लगातार गिरावट आ रही है।

भारत के नीति निर्माताओं ने कई उपायों के साथ मुद्रा की गिरावट को रोकने की मांग की है – हस्तक्षेप से लेकर सोने के आयात पर शुल्क बढ़ाने तक । इस साल भारत के( current account) चालू खाते में कमी के रूप में मुद्रा में 7% की गिरावट आई है।बता दें कि जून के अंत में ब्लूमबर्ग सर्वेक्षण के अनुसार, 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष(fiscal year )में बाहरी वित्त का सबसे बड़ा उपाय( gross domestic product) सकल घरेलू उत्पाद का 2.9% तक बढ़ जाएगा जो पिछले वर्ष के स्तर से लगभग दोगुना।

अब भारतीय रिजर्व बैंक के पास लगभग 600 अरब डॉलर का(foreign-exchange reserves) विदेशी मुद्रा भंडार है, जिसे वह रुपये की रक्षा के लिए तैनात कर रहा है। अधिकारियों ने सोने के आयात पर शुल्क बढ़ा दिया है और पेट्रोलियम निर्यात पर शुल्क बढ़ा दिया है। बता दे कि मौद्रिक प्राधिकरण ने देश में अधिक विदेशी मुद्रा प्रवाह को आकर्षित करने और व्यापार के रुपये के निपटान की अनुमति देने के उपायों की भी घोषणा की है।

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