इतिहास में पहली बार, संघ के दशहरा उत्सव में मुस्लिम बनेगा चीफ गेस्ट
नई दिल्ली। मुस्लिम विचारधारा के कट्टर विरोधी माने जाने वाले संघ ने एक ऐसा फैसला किया है जिसपर शायद ही किसी को भरोसा हो। संघ के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा। दरअसल आरएसएस के दशहरा उत्सव में मुस्लिम को मुख्य अतिथि बनने जा रहा है।
आरएसएस दशहरा (विजयादशमी) के दिन अपना स्थापना दिवस मनाता है। 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना की थी। दशहरे पर आरएसएस हर साल शस्त्र पूजा भी करता है। आरएसएस प्रमुख हर साल विजयादशमी उत्सव पर सभी स्वयंसेवकों को संबोधित भी करते हैं।
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आरएसएस आगमी दशहरा में अपने मुख्यालय नागपुर में होने वाले दशहरा पूजा में एक मुस्लिम को मुख्य अतिथि बनाएगा। जो संघ के इतिहास में पहली बार होगा। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रसिद्ध होमियोपैथी चिकित्सक को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाकर आरएसएस ने पहली किसी मुस्लिम को ये सम्मान देने जा रहा है।
माना जा रहा है कि दशहरा पर आरएसएस ने बोहरा समुदाय के मुनव्वर यूसुफ को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाकर मुसलमानों में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। यूसुफ और उनके चाचा का आरएसएस के प्रचारकों से पुराना संबंध रहा है। रविवार (एक अक्टूबर) को संग चार अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। हर कार्यक्रम में करीब 600 बच्चे शामिल होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसी साल अप्रैल में बोहरा समुदाय के नेता सैयदाना मुफद्दल से उनके मुंबई स्थिति आवास पर मुलाकात की थी। सैयदाना इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ कर चुके हैं।