भारत संग मिलकर बौद्ध विरासतों को संभालने का जिम्मा उठा रहा ये देश

उलानबातार। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि भारत मंगोलिया के साथ मिलकर बौद्ध धर्म के विरासतों को संजो रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश रणनीतिक साझेदार से ज्यादा कहीं आध्यात्मिक साझेदार हैं। बौद्ध धर्म के अति सम्मानित गुरु, लद्दाख के धर्मगुरु और मंगोलिया में भारत के पूर्व राजदूत कुशोक बाकुला रिनपोछे की जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा, “बौद्ध धर्म सदियों से सभ्यताओं का बड़ा संयोजक रहा है।”

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बौद्ध धर्म

बाकुला रिनपोछे मंगोलिया में सबसे अधिक समय तक भारत के राजदूत रहे। उन्होंने भारत और मंगोलिया के बीच संबंधों को बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विदेश मंत्री ने कहा, “भले ही बौद्ध धर्म का उद्भव भारत में हुआ, लेकिन इसका प्रसार हिमालय के पार पूर्वी एशिया और सागर पार दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में हुआ।”

उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का प्रसार आखिरकार मंगोलिया के विशाल स्टेपी भूभाग में हुआ, जो दो हजार साल से इसका स्थायी निवास बना हुआ है।

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सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत एक बार फिर से बुद्ध के दर्शन और शिक्षा में आस्था रखने वालों को एक साथ लाकर उनके बीच संबंधों में नवीनता ला रहा है। इस दिशा में मंगोलिया समेत पड़ोसी देशों व इतर क्षेत्र के तीर्थयात्रियों को भारत स्थित बौद्ध धर्म के तीर्थस्लों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि साझा बौद्ध परंपराओं को बौद्धिक संबंधों के सहारे पुनरुज्जीवित करने के लिए भारत ने सदियों पुराने नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुत्थान किया है।

विदेश मंत्री ने कहा, “भारत ने दोनों देशों के बीच गहरी मैत्री के संकेत के तौर पर मंगोलिया स्थित गंदन बौद्ध मठ को भगवान बुद्ध की एक प्रतिमा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है।” उन्होंने कहा कि भारत बौद्ध धर्म के विद्वानों और विद्यार्थियों को आमंत्रित करना चाहता है, ताकि वे भारत आकर हमारी अमूल्य विरासत को देखें।

इससे पहले सुषमा स्वराज ने अपने मंगालियाई समकक्ष दमदिन सोगतबतार के साथ भारत-मंगोलिया संयुक्त परामदात्री समिति की छठी बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होंने आर्थिक, ऊर्जा, रानीतिक, रणनीतिक, शैक्षणिक व सांस्कृतिक संबंधों के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।

बैठक के बाद विदेश मंत्री ने मंगोलिया के प्रधानमंत्री यू. खुर्मेल्सुख से मिलकर विकासपरक सहयोग, खनन, क्षमता निर्माण, आईटी, फिल्म और अन्य द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्र को लेकर बातचीत की।

उन्होंने मंगोलिया के मंत्री और कैबिनेट सचिवालय के प्रमुख गोंबोजाव जंदानशता, मंगोलियाई संसद स्टेट ग्रेट खुराल के अध्यक्ष एम. एंखबोल्ड के साथ बैठक की।

सुषमा स्वराज यहां मंगलवार को पहुंचीं। पिछले 42 सालों में मंगोलिया का दौरा करने वाली वह भारत की प्रथम विदेश मंत्री हैं।

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