Republic Day: आप भी खरीद सकते हैं राजपथ परेड का टैंक
नई दिल्ली। आज भारत अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर भारत ने राजपथ पर अपनी सांस्कृतिक धरोहर एवं विविधताओं के साथ सैन्य और स्त्री शक्ति का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया जिसे देखकर सभी का सिर गर्व से ऊंचा हो गया।
ऐसे खास मौके पर आप अक्सर टीवी चैनलों पर या लाइव आर्मी के टैंकों, हथियारों और दूसरी गाड़ियों को परेड में देखते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है सैना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इस टैंक को आप भी खरीद सकते हैं?
भारत में आपको भी गन या तोप लगी टैंक मिल सकती है क्योंकि देश में सभी हथियार इंडियन ऑर्म्स एक्ट के तहत लाइसेंस मिलते हैं। इसका मतलब ये है कि आप भी एक ऐसा टैंक खरीद सकते हैं जो टैंक की तरह फंक्शन नहीं करता हो।
लेकिन आप खरीदी गई टैंक को लेकर सड़को पर नहीं चल सकते हैं क्योंकि भारतीय सड़कों के हिसाब से प्रमाणपत्र मिलना चाहिए साथ ही ड्राइवर के पास टैंक ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
यह भी पढ़ें-गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिसकर्मी ने खुद को मारी गोली, मौत
हालंकि ये दोनों ही बहुत बेसिक बातें हैं, क्योंकि ऐसा कभी हुआ नहीं कि किसी संस्था (विश्वविद्यालय या सरकारी संस्थान), जिसके पास टैंक हो, उसने कभी रोड पर टैंक चलाया हो। मतलब जो संस्थान टैंक खरीदता है, उसे महज शो-पीस के लिए रखता है।
जानिए क्यों होती है सेना की शर्ते-
भारत में सेना अपने पुराने टैंकों को बेचती है. इसके बकायदा कायदे कानून होते हैं. भारत में टैंक या तो बतौर शो-पीस दिया जाता है या फिर उसको स्क्रैप के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए। सेना सामान्यत: दो शर्तों पर टैंक बेचने को तैयार होती है-
यह भी पढ़ें-OMG : बिहार बोर्ड का एक और कारनामा, लड़की के एडमिट कार्ड पर लिखा…
–ये टैंक भारतीय सेना के गौरव के प्रतीक होते हैं और सेना इनके साथ ऐसे ही पेश आती है. इसलिए सेना आपसे भी यही उमीद करेगी की आप भी इन टैंकों को उचित सम्मान दें. अगर आप इसे शोपीस की तरह रखना चाहते हैं तो इसके लिए सेना कई प्रोटोकॉल लगाती है. इन टैंकों से हमले में इस्तेमाल आने वाली हर चीज और यंत्र को हटा दिया जाता है. साथ ही सेना इसके रख-रखाव के लिए भी निर्देश देती है.
–दूसरा अगर आप टैंकों के स्क्रैप को इस्तेमाल करना चाहते हैं तो भी सेना पुराने और सेना से बाहर हो चुके टैंक देती है।
बता दें कि सेना अक्सर ऐसी आयुधों की लिस्ट जारी करती रहती है, जो या तो पुराने या सेना से बाहर हो गए हैं. इसके साथ ही सेना दूसरे हथियार भी बेचती है, गाड़ियों का बुलेटप्रूफ मॉडल भी बेचती है, पुरानी बुलेट मोटरसायकिल, जीप और ट्रक जैसी गाड़ियों की नीलामी भी करती है।
इसको पाने के लिए सबसे पहले पूर्व आर्मी अफसरों का नंबर आता है और सबसे आखिरी में नागरिकों का नंबर आता है. इसी वजह से ज्यादातर मौकों पर किसी नागरिक को सैन्य उपकरण खरीदने का मौका नहीं मिल पाता है।