
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे से बाहर रह गए 40 लाख लोगों को एक और मौका देने के फायदे और नुकसान समेत इसकी जटिलताओं पर मंगलवार को रिपोर्ट देने को कहा।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और रोहिंटन फली नरीमन की पीठ ने असम राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला को चार सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर को तय करते हुए शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट सिर्फ अदालत में ही दाखिल होनी चाहिए।
अदालत ने कहा कि दावे और आपत्तियों को प्राप्त करने की शुरुआती तारीख को स्थगित किया जा रहा है। अभी यह तारीख 30 अगस्त है।
अदालत ने हजेला को एनआरसी मसौदे से बाहर रह गए लोगों के दावे और आपत्तियों के आधार पर सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक समय को स्पष्ट रूप से बताने का निर्देश दिया।