RBI एसएलआर नियमों में करेगा बदलाव, जानिये कैसे पड़ेगा आपको फर्क

मुंबई। कर्ज उठाव में कमी को लेकर जारी चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए अक्टूबर से वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) मानदंडों को सरल बनाने की घोषणा की है। सभी वाणिज्यिक बैंकों अपनी तरलता का हिस्सा आरबीआई के पास जमा रखना होता है।

 आरबीआई

आरबीआई के मुताबिक, “‘तरलता कवरेज अनुपात के लिए तरलता सुविधा’ (एफएएलएलसीआर) में बढ़ोतरी की आज (गुरुवार) घोषणा की गई है, जो 1 अक्टूबर 2018 से लागू होगी। बैंकों को अपना तरलता कवरेज अनुपात (एसएलआर) कायम रखने के लिए उनकी जमा से 13 फीसदी तक नकदी निकालने की सुविधा होगी। अभी यह 11 फीसदी है।”

इससे पहले शीर्ष बैंक ने आश्वस्त किया था कि वह वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के उपाय करेगी।

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आरबीआई ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “इससे बैंकों को अपनी तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे वित्तीय प्रणाली में तरलता के वितरण में सुधार होगा।”

शीर्ष बैंक ने कहा कि इसके अतिरिक्त वह वित्तीय प्रणाली की टिकाऊ तरलता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न उपलब्ध उपकरणों का भी प्रयोग करेगी।

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