राजपाल को ले डूबा कर्जा, रकम इतनी कि सुनते ही गिर पड़ेंगे आप

नई दिल्ली। अपने अभिनय से जनता को हसा-हसा कर रुलाने वाले राजपाल यादव इस वक्त खुद मुश्किलों के समुन्द्र में गोते लगा रहे हैं। राजपाल यादव के खिलाफ चेक बाउंस मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट उन्हें दोषी करार दे दिया है। कोर्ट सजा का ऐलान 23 अप्रैल को करेगा।

राजपाल यादव

मामला अप्रैल 2010 का है जब अभिनेता राजपाल यादव फिल्म ‘अता पता लापता’ से बतौर निर्देशक अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे। उस वक्त उन्होंने ‘मुरली प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक कंपनी से 5 करोड़ का लोन लिया था। लोन देने वाली कंपनी के मुताबिक़ राजपाल को मई 2010 तक 5 करोड़ की राशि के बदले में सूत समेत 8 करोड़ रूपए वापस करने थे।

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शिकायतकर्ता ‘मुरली प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड’ के वकील एस के शर्मा ने कोर्ट को बताया कि “राजपाल ने अप्रैल 2010 में फिल्म ‘अता पता लापता’ पूरी करने के लिए कंपनी से मदद मांगी थी। 30 मई 2010 में दोनों के बीच करार हुआ और उन्होंने राजपाल यादव की कंपनी को 5 करोड़ का लोन दे दिया। करार के मुताबिक राजपाल को ब्याज सहित आठ करोड़ रुपए लौटाने थे। लेकिन वह पहली बार ये रकम नहीं लौटा सके।

उसके बाद दोनों के बीच तीन बार करार का रिनिवल हुआ। 9 अगस्त 2012 को वह अंतिम करार में आरोपी राजपाल यादव ने शिकायतकर्ता को 11 करोड़ 10 लाख 60 हजार 350 रुपए लौटाने की सहमति भी थी। राजपाल यादव की कंपनी यह भी पैसा देने में नाकाम रही।

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बात से पलटे राजपाल

राजपाल यादव ने अपने बचाव में कोर्ट को बताया कि उन्होंने मुरली प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड से कोई उधार नहीं लिया था। राजपाल यादव के मुताबिक मुरली प्रोजेक्शन की कंपनी ने पैसा निवेश किया था। लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील को अस्वीकार करते हुए उन्हें चेक बाउंस का दोषी पाया है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमित अरोड़ा ने ये आदेश दिया है।

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