‘रंग’ में दिखे राजनाथ, कहा- किसी ने मां का दूध पिया है तो…
नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह त्रिपुरा दौरे पर हैं। यहां विधानसभा चुमाव में दो हफ्ते का समय बचा है। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने माणिक सरकार से पहले पाकिस्तान को आड़ो हाथे लिया। उन्होंने कहा कि हिम्मत है तो कश्मीर को भारत से अलग कर दिखाए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा पड़ोसी देश है पाकिस्तान। भारत को परेशान करने की, तोड़ने की कोशिश करता रहता है। कश्मीर में नापाक हरकतें करता है। कहता है कश्मीर को भारत से अलग कर देंगे। किसी ने मां का दूध नहीं पिया जो कश्मीर को भारत से अलग कर दे। कश्मीर हमारा था और रहेगा।
#WATCH: HM Rajnath Singh says, 'Hamara padosi desh hai Pakistan… Kehta hai Kashmir ko Bharat se alag kar denge. Kisi ne maa ka doodh nahi piya jo Kashmir ko Bharat se alag kar de. Kashmir hamara tha, hai aur rahega' in Agartala, Tripura. pic.twitter.com/Ak53PcAxej
— ANI (@ANI) February 3, 2018
इसके बाद उन्होंने यूपीए सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि मनमोहन सिंह के बारे में वह कुछ कहना नहीं चाहते हैं। लोग उन्हें मिस्टर क्लीन कहते हैं। लेकिन चार लाख करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप उन्हीं की सरकार के ऊपर है।
वामपंथी सरकार को हटा दें बीजेपी को मौका
राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा की वाम मोर्चा सरकार पर भ्रष्टाचार के कई मामलों में फंसे होने का आरोप लगाते हुए अपील की कि वे 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य की वामपंथी सरकार को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी को एक मौका दें।
बरजाला इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि बीजेपी के नौ साल के शासनकाल में एक भी मंत्री किसी घोटाले में शामिल नहीं पाया गया जबकि इसके उलट त्रिपुरा की वाम मोर्चा सरकार के 25 साल के शासनकाल में बेरोजगारी, भूखमरी और हिंसा का बोलबाला रहा है।
बीजेपी जानती है शासन करने का तरीका
राजनाथ ने कहा, ‘यदि आप सुशासन देखना चाहते हैं तो आप बीजेपी शासित राज्यों में जाकर देखें। हमने 19 राज्यों में जीत हासिल की है। लोग मार्क्सवादी शासन को खारिज कर हमारे लिए वोट करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘मैं आपको कह सकता हूं कि जब तक बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी, विकास नहीं होगा। मैं आपसे अपील करता हूं कि बीजेपी को राज्य में शासन का एक मौका दें और देखें कि हम क्या कर सकते हैं। भाजपा जानती है कि प्रभावी सरकार कैसे चलाई जा सकती है।’