बुलेट ट्रेन की स्पीड न सही पर मिलेगा वही ‘मजा’, बदलने जा रही राजधानी-शताब्दी की सूरत

नई दिल्ली। जल्द ही आपको राजधानी और शताब्दी ट्रेनों की सूरत बदलती हुई नजर आएगी। पहले की तुलना में अब इन ट्रेनों से सफर करना और ज्यादा आरामदायक हो जाएगा। उत्तर रेलवे ने इसके लिए तैयारी कर ली है और 16 ऐसी ट्रेनों के लिए ‘गोल्ड’ स्टैंडर्ड तय किया है।

राजधानी-शताब्दी

ट्रेन के डिब्बों की साफ-सफाई से लेकर उनकी सुंदरता का अच्छे से ख्याल रखा जाएगा। ट्रेनों को न सिर्फ अंदर से बल्कि बाहर से भी बेहतर बनाया जाएगा। डिब्बों में एलईडी लाइट्स, विनाइल रैपिंग और वॉल पेंटिंग्स आपको देखने को मिलेगी।

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ये कदम स्वर्ण प्रॉजेक्ट के तहत ट्रेनों की दशा में सुधार लाने के लिए उठाया जा रहा है। नई दिल्ली-काठगोदाम शताब्दी में सीसीटीवी कैमरे, फ्री वाई-फाई और इंटीरियर में काफी बदलाव किए जाएंगे। वहीं रेलवे का कहना है कि इस मुहिम में हर कोच के सौंदर्यीकरण पर लगभग 2.35 लाख रुपए तक खर्च किए जाएंगे। इसमें 11 शताब्दी और 5 राजधानी ट्रेन भी शामिल हैं।

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दिल्ली डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर आरएन सिंह का कहना है कि दिल्ली से देहरादून शताब्दी ट्रेन में ये सारी सुविधाएं लगभग अप्रैल अंत तक शुरू हो जाएगी। इसी के साथ दूसरी अन्य ट्रेनों के लिए डेडलाइन अगस्त 2018 तक है। हमारा उद्देश्य है कि राजधानी और शताब्दी में यात्रियों के लिए सफर और आरामदायक और सुरक्षित बनाया जाए।

रेलवे अपनी इस योजना में सभी कोच में सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस लगाने का भी प्रयास कर रहा है। यात्रियों को जीपीएस के जरिए पूरी जानकारी मिलती रहेगी।

ट्रेन को बाहर से सुंदर बनाने के लिए विनाइल रैपिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रेन के टॉयलेट को भी और ज्यादा साफ-सुथरा बनाया जाएगा। बता दें कि इस नए प्रॉजेक्ट में जम्मू, डिब्रूगढ़ और बिलासपुर राजधानी शामिल हैं। शताब्दी ट्रेन में दिल्ली-कालका, हबीबगंज शताब्दी, अमृतसर जनशताब्दी और अजमेर शताब्दी शामिल हैं।

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