Radha Ashtami 2018: जानिए व्रत का महत्व और पूजा की विधि
राधाष्टमी भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। इस दिन देवी राधा का जन्म हुआ था। इसी दिन देवी राधा का जन्म दिन पूरी धूम-धाम से मनाया जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पन्द्रह दिन बाद अष्टमी को ही राधा जी का जन्मदिन मनाया जाता हैं। इस दिन राधा का विशेष पूजन और व्रत किया जाता है। इस दिन यह त्योहार 17 सितंबर को मनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में बरसाना में राधा का जन्मस्थल माना जाता है। जो कि पर्वत के ढलाऊ हिस्से में बसा है। इस पर्वत को ब्रह्मा पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस दिन परिक्रमा करने का भी बहुत महत्व है।
राधा अष्टमी का व्रत कैसे करें
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद मंडप बनाकर उसमें बीच में मिट्टी या तांबे का कलथ रखें।
अब इस कलथ में राधा की सोने की प्रतिमा स्थापित करें।
फिर राधा जी का षोडशोपचार से पूजन करें।
ध्यान रहे कि पूजा का समय ठीक मध्याह्न का होना चाहिए।
पूजन के बाद पूरा दिन उपवास करें और एक समय भोजन करें।
इस व्रत को दूसरे दिन ही पूजा करके खोलें। इसे खोलने के लिए सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराएं।