नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी नई योजना के तहत देश में स्थित अपनी 200 से 300 शाखाओं को अन्य शाखा में मर्ज करने, री-लोकेट करने या बंद करने जा रहा है। इस योजना को बैंक की तरफ से अगले 12 महीने में शुरू किया जा सकता है।
बता दें ऐसा पीएनबी की उन शाखाओं के साथ होगा, जिनसे बैंक को ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने बताया कि हमारा उद्देश्य कारोबारी रणनीति में बदलाव करके शाखाओं को लाभकारी बनाने का है।
उन्होंने बताया कि कुछ शाखाओं को पहले ही बंद किया जा चुका है। हमारा एक विभाग पूरी तरह इस पर काम कर रहा है।
मेहता के मुताबिक, ‘घाटे में चल रही ब्रांच को या तो हम मजबूत करेंगे, या उनका मर्जर होगा या उन्हें बंद कर दिया जाएगा’।
उन्होंने बताया, ‘कुछ शाखाओं को री-लोकेट करके दूसरे स्थान पर भी ले जाया जा सकता है’।
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मीडिया से मुखातिब हुए मेहता ने कहा कि बैंक घाटे में चल रही शाखाओं को मुनाफे में लाने की कोशिश कर रहा है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कुछ शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीएनबी देश में लोन देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है और पिछले 6 महीने में पीएनबी ने अपने 928 एटीएम में भी कमी की है। सितंबर 2017 तक बैंक के कुल एटीएम 9753 हो गए।
बैंक किसी भी शाखा के भविष्य के बारे में तय करने के लिए वहां पर कारोबारी पहलुओं, आसपास के प्रतिस्पर्धी स्थलों और बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (बीसी) नेटवर्क की उपलब्धता पर विचार किया जाएगा।
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बता दें 31 मार्च 2017 तक के आंकड़ों के आधार पर पीएनबी के पास 6937 शाखाएं थीं।
बैंक ने अप्रैल से जून के बीच 9 शाखाएं और शुरू की। लेकिन दूसरी तिमाही में पंजाब नेशनल बैंक की 6 शाखाओं को बंद कर दिया गया। इस तरह सितंबर के आखिर तक पीएनबी की कुल शाखाओं की संख्या कम रही है।