जानिए क्यों प्रियंका चोपड़ा के ट्वीट पर भड़की IPS अधिकारी
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रियंका चोपड़ा ने जो ट्वीट किया, वो उन्हीं पर उल्टा पड़ गया। ट्वीट में प्रियंका चोपड़ा ने हेट शब्द को इस्तेमाल किया है, जिस पर एक आईपीएस ऑफ़िसर डी रूपा ने उन्हें करारा जवाब दिया है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफ़िले पर आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें चालीस से अधिक जवान शहीद हुए थे। यह आतंकी हमला 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले भी बड़ा माना जा रहा है। पुलवामा में आतंकी हमले में इतने जवानों के शहीद होने की ख़बर जैसे ही फैली, पूरा देश सन्न रह गया। दुख के साथ एक गुस्सा भी दिलों में पनपने लगा।
दूसरे देशवासियों के साथ बॉलीवुड ने भी आतंकी हमले की पुरज़ोर निंदा की और सोशल मीडिया के ज़रिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रियंका चोपड़ा ने भी ट्वीट के ज़रिए शहीद जवानों के परिवारों के प्रति अपनी सांत्वना ज़ाहिर की।
प्रियंका ने लिखा था- ”पुलवामा में हमले से पूरी तरह सदमे में हूं। नफ़रत कई समाधान नहीं है। भगवान शहीदों के परिवारों को संबल दे।”
प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा है- Hate is NEVER the answer… प्रियंका के इस वाक्य के कई निहितार्थ निकाले जाने लगे और उनकी ट्रोलिंग का सिलसिला शुरू हो गया।
आईपीएस जी रूप ने प्रियंका के ट्वीट पर लिखा- जवानों पर हमला महज़ मोहब्बत और नफ़रत की कहानी नहीं है। यह एक राष्ट्र की पहचान पर हमला है। यह एक मुल्क़ के सही अधिकारों की ताक़त और गै़रक़ानूनी ताक़तों के बीच लड़ाई का मसला है, जो राष्ट्र की शांति को नुक़सान पहुंचाने में जुटी हैं।
Attack on jawans is not just a simple love-hate story. It's a hit at the basic identity of a nation. It's about "Power of the rightful authority of a nation" Vs"Power of the illegal forces trying to sabotage a nation's peaceful existence"–equation of power .@priyankachopra https://t.co/xMrEm34tQB
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) February 15, 2019
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आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया में ऐसे ट्वीट्स और कमेंट्स की सूनामी आ गयी थी, जिनमें आतंकियों से जवानों की शहादत का बदला पाकिस्तान से लेने की बातें कही जा रही थीं। प्रियंका के ट्वीट में नफ़रत वाले अंश को इन्हीं मांगों से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसके मुताबिक़ प्रियंका शायद यह कहना चाहती हैं कि आतंकी हमले का जवाब नफ़रत नहीं हो सकती।
बहरहाल, शनिवार को सभी शहीदों के पार्थिव शरीरों को उनके घरों तक पहुंचाया गया और उन्हें अंतिम विदाई दी गयी। देश के जिसे हिस्से में इन जवानों के परिवार रहते हैं, वहां ग़म का माहौल है। साथ ही उनके परिजनों और इलाक़े के लोगों में इस बात का रोष भी है कि कब तक हमारे जवान आतंकवादियों के कायराना हमलों में शहीद होते रहेंगे।