केरल में सार्वजनिक परिवहन बंद होने से लोगो का जनजीवन प्रभावित

तिरुवनंतपुरम| केरल में मंगलवार मध्यरात्रि से निजी बसों, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, माल ढुलाई वाहन, सरकारी स्वामित्व वाली केएसआरटीसी बसों के हड़ताल पर चले जाने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।

हड़ताल

अखिल भारतीय मोटर परिवहन संगठन द्वारा एक दिवसीय हड़ताल बुलाई गई है। यहां तक कि सभी कार्यशालाएं और वाहन पुर्जो के दुकानें भी बंद हैं, जिससे बंद का पूरा असर दिख रहा है। इस 24 घंटे की हड़ताल के साथ परिवहन निकाय प्रस्तावित मोटर वाहन (एमवी) संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहा है।

भारतीय जनता पार्टी समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर अन्य सभी ट्रेड यूनियन विरोध में भाग ले रहे हैं। हड़ताल के चलते कार्यालर्यो में कर्मचारियों की संख्या कम है। हालांकि, सड़कों पर निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं।

हड़ताल के कारण स्कूलों में अवकाश न होने के बावजूद विद्यार्थियों की उपस्थिति न के बराबर हैं। अध्यापक-अध्यापिकाओं की उपस्थिति भी बहुत कम है।
स्थिति के मद्देनजर कोच्चि मेट्रो में काफी भीड़ देखने को मिली। कई जिलों के प्रमुख बाजारों में दुकानें और प्रतिष्ठान खुले रहे लेकिन खरीदारों की संख्या नदारद है।

रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ड्यूटी कर रहे पुलिस अधिकारियों ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों को परिवहन मुहैया कराने की पूरी कोशिश की।

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कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों और उन टैक्सियों व ऑटो-रिक्शा चालकों के बीच मामूली झड़प होने की सूचना मिली है जिन्होंने हड़ताल के बावजूद वाहनों को चलाने की कोशिश की।

प्रस्तावित मोटर वाहन (एमवी) संशोधन विधेयक लोकसभा द्वारा पारित किया गया है और अब राज्यसभा की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। प्रदर्शनकारी बीमा प्रीमियम में कमी किए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

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