कासगंज कांड पर बोले पूर्व IPS, ये है 2019 की तैयारी!

नई दिल्ली। सियासती मैदान में इन दिनों सभी पक्षों की नज़र सिर्फ एक मात्र लक्ष्य साल 2019 लोकसभा चुनाव पर ही है। वहीं संकेत यह भी मिल रहे हैं कि हो सकता है, यह घड़ी जल्द ही करीब आ जाए। यानी लोकसभा चुनाव साल 2019 की जगह 18 में ही हो जाए। खैर ये सब तो अभी अटकले मात्र हैं। लेकिन कासगंज हिंसा पर तो राजनीति जोरों पर है। पहले तो इस मामला को विपक्षी ही सेंकने की कोशिश कर रहे थे।

अब इसमें पक्ष-विपक्ष के साथ कई संगठनों और पूर्व अधिकारियों ने भी अपना कदम बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं पूर्व आईपीएस अफसर ने भी सत्तारूढ़ पार्टी को खीचते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।

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2019 लोकसभा चुनाव

बता दें कि पूर्व आईपीएस अफसर को बिना अनुमती के मनमाने तरीके से छुट्टी लेने के लिए बर्खास्त किया गया था।

खबरों के मुताबिक़ गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने उत्तर प्रदेश की कासगंज हिंसा के पीछे राजनीतिक साजिश की ओर इशारा किया है। उनके ट्वीट पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं।

संजीव भट्ट ने 28 जनवरी को 12:52 मिनट पर ट्वीट कर कहा है- ‘‘ कासगंज तो शुरुआत है, यह लो-ग्रेड सांप्रदायिक बुखार 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। ठीक उसी तरह जैसे 2014 के लिए मुजफ्फरनगर कांड हुआ था। इस बार यह और बड़े पैमाने पर होगा और इसका असर गहरा होगा। ”

उनके ट्वीट के बाद लोगों ने ट्रोल भी किया। कुछ लोगों ने उनके विचारों पर सहमती जताई तो वहीं कई लोगों ने पूर्व पुलिस अफसर पर विपक्षी नेताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया।

राजीव चड्ढा ने कहा- भारत आप पर भरोसा नहीं करता भट्ट। डॉ. सलाम अंसारी ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण मगर सत्य। अभिनेश स्वामी ने तंज कसते हुए कहा- बस अंकल जी, हो गया आपका।

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यूपी के छोटे जिले कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर उस वक्त हिंसा भडक गई थी, जब कुछ लोग तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे।

गणतंत्र दिवस की धूम धाम के बीच कासगंज में निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई थी।

इस झड़प ने कुछ ही देर में हिंसा का रूप ले लिया था। इसमें चंदन नाम के युवा की गोली लगने से मौत हो गई थी।

मामला कासगंज के बिलराम गेट इलाके का है। मोटरसाइकिल सवारों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी, जहां दो पक्षों के बीच भड़की हिंसा में कई वाहनों को आग लगा दी गई और जमकर तोड़फोड़ की गई। धारा 144 लगी हुई है।

पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा निकाल रहे कुछ लोगों पर एक गुट के लोगों ने जमकर पथराव करना शुरू कर दिया। जिसके चलते वहां मौजूद लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई और देखते ही देखते हिंसा का अख्तियार कर लिया।

शुक्रवार सुबह विद्यार्थी परिषद एवं हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता बाइक से तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। यह यात्रा मुस्लिम बाहुल्य मुहल्ला हुल्का में पहुंची तो यहां कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगाए। जिस पर समुदाय विशेष के एक युवक ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा दिया।

इसी बात को लेकर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी होने लगी। देखते ही देखते दोनों ओर से पथराव होने लगा। मुस्लिम बस्ती में घिरे कार्यकर्ता अपनी दो दर्जन से अधिक बाइक छोड़ भागे।

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जहां उनकी बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया और तोडफ़ोड़ कर दी। घटना की खबर शहर में फैली तो हिंदूवादी एकत्रित हो गए।

दूसरे समुदाय के लोगों ने भी मोर्चा संभाल लिया। घर की छतों से पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। कुछ ही देर में उपद्रवियों ने तहसील रोड पर भी फायरिंग कर दी। जिसमें गोली लगने से गली शिवालय रेलवे रोड निवासी चंदन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता की मौत हो गई।

जबकि युवक प्रिंस एवं नौशाद घायल हो गए। नौशाद को अलीगढ़ रेफर किया गया है। उपद्रवियों के पथराव में आधा दर्जन अन्य घायल हुए है। जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल है।

घटना की जानकारी मिलते ही डीएम आरपी सिंह, एसपी सुनील कुमार सिंह पुलिस बल के साथ शहर में पहुंच गए और जगह जगह मोर्चा संभाला।

पुलिस के मुताबिक इस झड़प में में दर्जनों लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई हैं। वहीँ कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

देखें वीडियो :-

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