मुंबई बम ब्लास्ट: सुप्रीम कोर्ट करेगा अबू सलेम की याचिका पर सुनवाई

नई दिल्ली। मुंबई की वो काली रात कौन भूल सकता है, जब बम धमाको की आवाज़ से पूरा शहर दहल उठा था। 1993 में हुए मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट मामले में गैंगस्टर अबू सलेम दोषी ठहराए गए हैं। लेकिन अब अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राहत मिलती दिखाई दे रही है।

मुंबई बम ब्लास्ट

दरअसल, गैंगस्टर अबू सलेम दोषी की तरफ से दायर की गई अपील को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है।

क्या है अबू सलेम पर आरोप

अबू सलेम पर हथियारों और धमाके के सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के आरोप हैं। मोहम्मद ताहेर मर्चेंट पर आरोप है कि उन्होंने केस में शामिल कई आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजा था।

रियाज़ सिद्दीकी पर आरोप है कि वो आरडीएक्स से भरी मारुति वैन चला कर गुजरात के भरुच इलाके में ले गए और वो गाड़ी अबू सालेम के हवाले कर दी।

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पुलिस के मुताबिक फ़िरोज़ खान इस केस के मुख्य अभियुक्त मोहम्मद दोसा के क़रीबी हैं और उनपर हथियारों और धमाके का सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के आरोप हैं। करीमुल्लाह शाह पर भी यही आरोप हैं।

क्या है पूरा मामला

12 मार्च 1993 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे जिसमें 257 लोग मारे गए थे और हज़ारों लोग घायल हुए थे। इन बम धमाकों से सिर्फ़ मुंबई ही नहीं बल्कि पूरा देश दहल गया था।

पुलिस और सीबीआई के मुताबिक ये षडयंत्र अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मोहम्मद दोसा और उनके साथियों ने मिलकर रचा था।

1993 में पुलिस ने कोर्ट मैं 10 हज़ार पन्नों का आरोप पत्र दाख़िल किया था जिसमें 189 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इनमें दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन जैसे नाम शामिल थे।

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189 में से 123 पर मुक़दमा चला और सितंबर 2006 में सौ लोगों को सज़ा सुनाई गई और 23 को बरी कर दिया गया। जबकि इस मामले में आज भी 27 अभियुक्त फ़रार हैं।

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