अयोध्या: राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा, सीएम योगी ने किया अभिषेक; गंगा दशहरा पर रचा गया इतिहास

5 जून 2025 को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधि-विधान के साथ संपन्न हुई।

इस ऐतिहासिक आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह समारोह मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और परकोटे में स्थित सात अन्य मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरा हुआ। इस दिन सीएम योगी का 53वां जन्मदिन भी था, जिसने इस अवसर को और विशेष बना दिया।

प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन

  • मुहूर्त: प्राण प्रतिष्ठा सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त और स्थिर लग्न में संपन्न हुई। इस शुभ योग को गंगा दशहरा और रामेश्वरम की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक संयोग के साथ जोड़ा गया।
  • राम दरबार: मंदिर के प्रथम तल पर भगवान राम को राजा राम के रूप में स्थापित किया गया, जिसमें माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान की मूर्तियां शामिल हैं।
  • अन्य मंदिर: परकोटे के सात मंदिरों में शिवलिंग (ईशान कोण), श्री गणेश (अग्नि कोण), हनुमान (दक्षिणी भुजा), सूर्य (नैरृत्य कोण), मां भगवती (वायव्य कोण), माता अन्नपूर्णा (उत्तरी भुजा), और शेषावतार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके अतिरिक्त, सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्त्य, वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्तियां स्थापित की गईं।
  • अनुष्ठान: 3 से 5 जून तक तीन दिवसीय अनुष्ठान आयोजित हुए। 2 जून को सरयू जल कलश यात्रा के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। 3 और 4 जून को सुबह 6:30 बजे से 12 घंटे तक पूजा, हवन, और 1,975 मंत्रों के साथ अग्नि देवता को आहुति दी गई। रामरक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। 5 जून को सुबह 6:30 से 11:20 तक अनुष्ठान चले, और अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा पूरी हुई।

सीएम योगी की भूमिका

  • सीएम योगी सुबह 10:30 बजे अयोध्या पहुंचे और हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के बाद राम मंदिर में रामलला का आशीर्वाद लिया। उन्होंने सभी देव विग्रहों का सरयू जल और 21 पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया।
  • उन्होंने राम दरबार की मूर्तियों से आवरण हटाया और आभूषणों से श्रृंगार किया। इन आभूषणों में सूरत के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल द्वारा दान किए गए आभूषण और हैदराबाद के रामभक्त श्रीनिवासन द्वारा निर्मित 14 किलो चांदी और ढाई किलो सोने से बने धनुष-बाण शामिल थे।
  • योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पुष्प वाटिका में पौधरोपण, मां सरयू त्रयोदशी जन्मोत्सव, और ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव में भी हिस्सा लिया।

मूर्तियों का निर्माण और विशेषताएं

  • मूर्तिकार: जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे ने राम दरबार की मूर्तियां बनाईं, जिन्हें 40 साल पुराने संगमरमर से तराशा गया। यह संगमरमर अपनी चमक और मजबूती के लिए जाना जाता है, जिसकी आयु 1,000 साल तक मानी जाती है।
  • वैज्ञानिक जांच: पत्थरों का चयन छह महीने में हुआ, और आईआईटी हैदराबाद की टीम ने उनकी ताकत, नमी सोखने की दर, घर्षण क्षमता, और तापमान सहिष्णुता की जांच की।
  • मूर्तियों की ऊंचाई: सिंहासन सहित राम और सीता की मूर्तियां 7 फीट, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की 3 फीट (खड़ी मुद्रा), और हनुमान व भरत की 2.5 फीट (बैठी मुद्रा) हैं।
  • आभूषण और शस्त्र: मूर्तियों को भव्य आभूषणों, चार धनुष, तीन गदा, चार तुणीर, और चंवर से सजाया गया।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

  • गंगा दशहरा का दिन द्वापर युग की शुरुआत और रामेश्वरम स्थापना से जुड़ा है, जिसने इस आयोजन को और पवित्र बना दिया।
  • 101 वैदिक आचार्य, जिनमें अयोध्या, काशी, और प्रयागराज के विद्वान शामिल थे, ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अनुष्ठान संपन्न किए।
  • अयोध्या की सबसे प्रतिष्ठित गद्दी के महंत कृपालु दास ने इसे “सांस्कृतिक सौभाग्य” और “स्वर्णिम संयोग” करार दिया, क्योंकि यह आयोजन सीएम योगी के जन्मदिन के साथ मेल खाता है।

सुरक्षा और व्यवस्था

  • अयोध्या में फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की गई। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि सभी आयोजन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए, और श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया।
  • मंदिर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि रामलला के दर्शन नियमित रूप से जारी रहेंगे, लेकिन राम दरबार और अन्य मंदिरों के दर्शन सितंबर-अक्टूबर 2025 तक शुरू होंगे, जब निर्माण कार्य पूर्ण होगा।

राम मंदिर की प्रगति

  • राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में हुआ, जो 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा, और 161 फीट ऊंचा है। हाल ही में 42 फीट ऊंचा, 5.5 टन वजनी पीतल का ध्वजदंड स्थापित किया गया।
  • यह आयोजन मंदिर निर्माण की अंतिम औपचारिकता माना जा रहा है, जो सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद शुरू हुआ था।
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