पीएनबी घोटाला : आश्वासन के बाद CBI जांच के आदेश

नई दिल्ली: पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के मुंबई ब्रांच से 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि पीएनबी घोटाला मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई किया जा रहा है। वहीं वित्तीय सेवा विभाग के सचिव लोक रंजन ने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर है।

पीएनबी घोटाला

इस धोखाधड़ी के बाद बैकिंग सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा कि पीएनबी के 10 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया और सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए। इसके बाद बैंक के शेयर में जबरदस्त गिरावट आई।

देश में दूसरे नंबर पर माने जाने वाली सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक ब्रांच में 11,360 करोड़ रुपये का फर्जी ट्रांजैक्शन किया है। यह रकम शेयर बाजार में बैंक के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग एक तिहाई हिस्सा है।

बैंक ने कहा है कि, वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है। साथ ही बैंक ने कहा है कि वह स्वच्छ और पारदर्शी बैंकिंग को लेकर प्रतिबद्ध है।

बता दें कि इसी महीने फरवरी में धोखाधड़ी का यह दूसरा मामला सामने आया है। इससे पहले पांच फरवरी को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ 280।70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

हालांकि बैंक ने इस फर्जीवाड़े के पीछे शामिल किसी भी शख्स का नाम नहीं लिया है, लेकिन उसने यह बात जरूर कही है कि इस पूरे फर्जीवाड़े के मामले में जांच एजेंसियों को जानकारी दे दी है।

बैंक ने बताया कि वह बाद में इस बात का आकलन करेगा कि क्या इन ट्रांजैक्शन से उसकी कोई देनदारी तो नहीं बनती है। इस जानकारी के बाद पीएनबी का शेयर तकरीबन 10 फीसदी से ज्यादा टूट गया है। वहीं इसका असर अन्य सरकारी बैंकों के शेयरों पर भी पड़ा है।

खबर है कि सीबीआई को करीब 10,000 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन के बारे में डिजाइनर नीरव मोदी तथा एक ज्वेलरी कंपनी के खिलाफ पीएनबी से दो शिकायतें मिलीं। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को संदिग्ध लेनदेन के बारे में कल देर रात को शिकायतें मिलीं।

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