अभी-अभी : सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नया फरमान, मोदी सरकार समेत आम जनता के उड़े होश

डिजिटल इंडिया के मिशननई दिल्ली। मोदी सरकार अपने डिजिटल इंडिया के मिशन को पूरा करने में पूरे जोर शोर से लगी हुई है और शायद वह इस काम में कोई कोर कसर नहीं बाकी रखना चाहती है। इसी वजह से एक के बाद एक आम जनता की सभी योजनाओं का डिजिटलीकरण और उन्हें उनके आधार नंबर से लिंक करने का काम काफी तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार ने पहले बैंक खातों और तमाम योजनाओं को आम जनता के आधार नंबर से लिंक करने के बाद अब एक और शिगूफा छेड़ दिया है। सरकार ने अब मोबाइल नंबर को भी आधार से लिंक करना जरूरी कर दिया है।

केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि अगर मोबाइल नंबर को आधार नंबर से लिंक नहीं करवाया तो निश्चित समयसीमा के बाद नंबर बंद कर दिया जाएगा। सरकार ने यह तारीख 28 फरवरी 2018 के निर्धारित की है। आएदिन मोबाइल नंबर में होने वाले और मोबाइल नंबर के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल फरवरी में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आदेश देते हुए कहा था कि वह इसी साल सौ करोड़ से ज्यादा मौजूदा और आगामी मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान स्थापित करने की व्यवस्था करे। यही नहीं कोर्ट ने यूजर्स के सिम कार्ड को उनके आधार से लिंक कर सत्यापन कराने के भी आदेश दिए थे। इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई खेहर ने कहा था कि जो लोग भी मोबाइल सिम कार्ड का उपयोग करते हैं उनकी पहचान होना जरूरी है।

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वेरिफिकेशन के लिए रहें तैयार

बताते चलें कि कोर्ट के इस आदेश के बाद मौजूदा उपभोक्ताओं का फिर से वेरिफिकेशन होगा। जिसमें प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों यूजर्स शामिल होंगे। आधार कार्ड आधारित E-KYC प्रोसेसर के द्वारा इन मोबाइल उपभोक्ताओं के सिम को आधार से लिंक किया जाएगा। टेलीकॉम कंपनियां अपने उपभोक्ताओं को उनके नंबर पर एक वेरिफिकेशन कोड भेजेंगी। जिसके बाद एक निश्चित प्रक्रिया के बाद ही टेलीकॉम कंपनियां E-KYC प्रोसेस शुरू करेंगी।

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