महिला सशक्तीकरण और दैनिक सुरक्षा पर पीएम मोदी ने दिया जोर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में महिला सशक्तीकरण, दैनिक सुरक्षा और ‘भलाई के लिए प्रोद्यौगिकी’ पर जोर दिया। बकौल मोदी, उन्होंने उस न्यू इंडिया का सपना देखा है, जिसमें महिला सशक्त हो और भारत के विकास में बराबर योगदान दे।

उन्होंने लोगों से खुद की सुरक्षा के लिए जागरूक होने का आग्रह किया और कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रोद्यौगिकियों को गरीबों, जरूरतमंदों और वंचितों की भलाई सुनिश्चित करनी होगी।

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नरेंद्र मोदी

मोदी ने कहा कि दैनिक जीवन में अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक होने पर हम आपदाओं के लिए स्वत: तैयार हो जाते हैं और अगर हम प्रतिदिन होने वाली परेशानियों के लिए सचेत नहीं होंगे, तो आपदा या आकस्मिक संकट के समय हमें ज्यादा परेशानी होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यस्थलों, सड़कों पर हर जगह सुरक्षा के प्रति सचेत करने वाले संदेश, नारे और निर्देश लिखे रहते हैं। लेकिन इन संदेशों का अनुसरण न के बराबर होता है। अगर हम इन निर्देशों का अनुपालन करने लगें, तो इससे हम केवल खुद की ही नहीं, बल्कि समाज की भी सहायता कर सकेंगे।

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उन्होंने अग्निशमन विभाग वाले महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं से आग्रह किया कि उन्हें हफ्ते में एक बार या महीने में एक बार अलग-अलग स्कूलों में जा करके स्कूल के बच्चों के सामने कृत्रिम अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने उसके दो फायदे गिनाते हुए बताया कि उससे अग्निशामक दल भी सक्रिय और सतर्क रहेगा और नई पीढ़ी को इसकी शिक्षा भी मिलती है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई अलग खर्चा भी नहीं होता है और यह शिक्षा का ही एक क्रम बन जाता है।

आपदाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत भौगोलिक और जलवायु की दृष्टि से विविधताओं से भरा हुआ देश है। इस देश ने कई प्राक्रतिक और मानव-निर्मित आपदाएं, जैसे रासायनिक एवं औद्योगिक दुर्घटनाओं को झेला है। आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) भूकंप, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन जैसी विभिन्न आपदाओं में बचाव अभियान के तहत तुरंत पहुंचता है।”

उन्होंने कहा कि दो-तीन साल पहले लू, तेज गर्मी से प्रतिवर्ष हजारों लोग अपनी जान गवां देते थे। इसके बाद एनडीएमए ने तेज गर्मी के प्रबंधन के लिए कार्यशालाएं आयोजित कीं, लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान चलाया। मौसम विभाग ने सटीक पूवार्नुमान लगाए। सबकी भागीदारी से अच्छे परिणाम आए।

मोदी ने समाज में इस प्रकार से काम करने वाले सामाजिक संगठनों, जागरूक नागरिकों की सराहना की और कहा कि अग्नि और बचाव सेवाएं, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, सशस्त्र सेनाएं, अर्धसैनिक बल, ये भी संकट के समय पहुंचने वाले वीर बहादुर अपनी जान की परवाह किये बिना लोगों की मदद करते हैं। एनसीसी, स्काउट्स जैसे संगठन भी इन कामों को आजकल कर भी रहे हैं, प्रशिक्षण भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हमें एक खतरे के प्रति जागरूक समाज बनना होगा। उन्होंने सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के साथ सुरक्षा के मूल्यों को भी समझने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मूल्यों को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।”

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प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में रायपुर नगर निगम द्वारा आयोजित कचरा महोत्सव का जिक्र किया, जिसका उद्देश्य था स्वच्छता को लेकर जागरूकता। शहर के कचड़े का रचनात्मक उपयोग करना और कूड़े के दोबारा उपयोग करने के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना। महोत्सव में छात्रों से लेकर बड़ों तक, हर कोई शामिल हुआ। कचरे का उपयोग करके अलग-अलग तरह की कलाकृतियां बनाई गईं। कचरा प्रबंधन के सभी पहलुओं पर लोगों को शिक्षित करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गईं। स्वच्छता के मुद्दे पर संगीत प्रस्तुतियां हुईं। कलाकृतियां बनाई गईं। कविता पाठ हुए।

मोदी ने कहा, “प्रतिवर्ष आठ मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला-दिवस’ के मौके पर देश और दुनिया में कई सारे कार्यक्रम होते हैं। आज देश ‘महिला विकास’ से ‘महिला की अगुआई में विकास’ की ओर बढ़ रहा है। आज हम महिला विकास से आगे महिला के नेतृत्व में विकास की बात कर रहे हैं। इस अवसर पर मुझे स्वामी विवेकानंद के वचन याद आते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था ‘पूर्ण नारीत्व का विचार ही पूर्ण स्वतंत्रता है।’

उन्होंने कहा, “आज सामाजिक, आर्थिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य है, यह हम सबकी जिम्मेवारी है।”

मोदी ने कहा, “हम उस परंपरा का हिस्सा हैं, जहां पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी। यशोदा-नंदन, कौशल्या-नंदन, गांधारी-पुत्र, यही पहचान होती थी किसी बेटे की। आज हमारी नारी शक्ति ने अपने कार्यो से आत्मबल और आत्मविश्वास का परिचय दिया है। उन्होंने खुद को तो आगे बढ़ाया ही है, साथ ही देश और समाज को भी आगे बढ़ाने और एक नए मुकाम पर ले जाने का काम किया है।

आरएसएस के पूर्व प्रचारक ने कहा, “आखिर हमारा न्यू इंडिया का सपना यही तो है, जहां नारी सशक्त हो, सबल हो, देश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो।”

उन्होंने कहा कि एलीफेंटा द्वीप के तीन गांवों में आजादी के 70 वर्ष बाद बिजली पहुंची है और इसे लेकर वहां के लोगों में कितना हर्ष और उत्साह है, यह पर्यटन का एक बहुत बड़ा और आकर्षक केंद्र है। एलीफेंटा की गुफाएं यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में हैं। वहां हर दिन देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं।

मोदी ने कहा कि आज मशीनें आत्मअध्ययन से और समझदार हो रही हैं। उन्होंने अनुसंधानकर्ताओं से आग्रह किया कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता से दिव्यांगों, किसानों, जरूरतमंदों और गरीबों के लिए उपयोगपरक बनाने पर जोर दिया और कहा कि प्रोद्यौगिकी और मशीनों को मानवता के भले के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।

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