Pitru Paksha Shradh: घर पर ऐसे पाए पुर्वजों से आशीर्वाद, जानें पूजा विधि
हिंदी पंचांग के अनुसार इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर से आरंभ होकर 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे। हिंदू धर्म में पितृपक्ष को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। ये वो माह होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और श्राद्ध कर्म एवं पिंड दान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक होता है।
पूजा सामग्री
रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी , रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी पत्ता , पान का पत्ता, जौ, हवन सामग्री, गुड़ , मिट्टी का दीया , रुई बत्ती, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर, केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वांक के चावल, मूंग, गन्ना की आवश्यकता होती है।
कैसे करें पूजा
प्रता: काल स्नान कर और वस्त्र धारण कर दक्षिण की ओर मुंह करके बैठ जाए। सबसे पहले अपने हाथ में कुश, जल, अक्षत, पुष्प और तिल लेकर दोनों हाथ जोड़कर अपने पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें आमंत्रित करें। साथ ही “ॐ आगच्छन्तु में पितर और ग्रहन्तु जलान्जलिम” का जप करें। फिर 5, 7 या 11 बार अंजली दें। अपने पूर्वजों को याद कर जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनाए रखने की प्रार्थना करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और फिर कौओं और कुत्तों को भी भोजन कराएं।