DM के अल्टीमेटम पर टॉयलेट में बैठ प्रिंसिपल ने भेजा ‘सबूत’

लखनऊ : स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के ‘प्रधानसेवक’ से लेकर जिला स्तर के अधिकारी सफाई को लेकर कुछ ज्यादा ही सजग हैं। एक ऐसा ही मामला आया है जिसे देखकर कहा जा सकता है कि शहर चमकाने के साथ खुद की इमेज चमकाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, जो सीतापुर डीएम के फरमान के बाद सामने आया है।

सीतापुर डीएम

राजधानी से सटे सीतापुर में इन दिनों एक सरकारी फरमान कर्मचारियों की लिए सिर दर्द बन गया है। जिसे सीतापुर डीएम ने जारी किया है। यहां पर सोशल मीडिया में एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स टॉयलेट के अंदर स्टूल पर बैठा हुआ है।

पड़ताल के बाद सामने आया कि, ये सीतापुर में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल भगवती प्रसाद हैं। इन्हें ऐसा करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इनके विभाग के आला अधिकारियों ने आदेश दिया है कि सभी कर्मचारी अपने घरों में टॉयलेट होने का सबूत दें। अब भगवती प्रसाद इस तरह से अपने घर में टॉयलेट होने का सबूत दे रहे हैं। इस फोटो के साथ उन्होंने अपनी सभी जानकारियां भी दी हुई हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल कुछ दिनों पहले सीतापुर की डीएम शीतल वर्मा ने अपने अफसरों को निर्देश दिए कि वह सभी अपने अपने विभागों में कार्यरत कर्मचारियों से कहें कि वह अपने घर पर टॉयलेट इस्तेमाल करने का सबूत जिला पंचायत अफसर को भेजें। उन्होंने कहा, अक्टूबर 2018 तक देश के ज्यादातर गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि सभी घरों में टॉयलेट हो।

डीएम के निर्देशानुसार, जिले के सभी सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने टॉयलेट के फोटोग्राफ जिला पंचायत अधिकारी को भेजें। नहीं तो उन्हें सैलरी मिलने में मुश्किल होगी। इतना ही नहीं कहा गया अगर 27 मई तक उन्होंने अपने फोटोग्राफ नहीं भेजे तो सैलरी रोक दी जाएगी।

भगवती प्रसाद राज्य के सबसे ज्यादा कर्मचारियों के वाले शिक्षा विभाग से आते हैं। शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने विभाग के सभी कर्मचारियों को अपने फोटो भेजने के लिए कहा।

इसी कड़ी में भगवती प्रसाद ने अपना ये फोटो भेजा है। हालांकि दूसरे कई विभागों ने इस आदेश का विरोध किया है। उन्होंने इस आदेश को वापस लेने के लिए कहा है।

हालांकि अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है। इस मुद्दे पर अजय कुमार ने कहा, यह एक पहल है, जिससे देश जल्द से जल्द खुले में शौच से मुक्त हो सके।

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