उन दिनों के आने से नहीं घबराएगी आपकी बेटी, ऐसे करनी होगी बात

माता-पिता वैसे तो अपने बच्‍चों का हमेशा ही ख्‍याल रखते हैं लेकिन टीनएज तक उनकी केयर कुछ ज्‍यादा ही की जाती है। बच्चों की जरूरत और काम को ध्‍यान में रखते हुए माता-पिता उन्‍हें हर वो बातें बताते और समझाते हैं जो बतानी चाहिए। लेकिन उम्र के एक पड़ाव पर बेटियों की ज्यादा ही केयर करनी पड़ती है। ऐसा बेटियों के पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान करना पड़ता है।

बच्चों की जरूरत

बेटियों को जब पहली बार पीरियड्स होते हैं तब वह घबरा जाती हैं। उन्‍हें समझ नहीं नहीं आता कि उनके साथ क्‍या हो रहा है। उन्‍हें कोई बीमारी तो नहीं हो गई। ऐसे में कई बार वो समझ भी नहीं पाती हैं कि वह इस बारे में किसी को बताएं या नहीं। इन सब हिचक को दूर करने के लिए जरूरी होता है कि बेटियां पहले से ही इसे लेकर जागरुक रहें।

सही समय पर बताएं 

अगर आपकी बेटी को पीरियड्स के बारे में कुछ पहले से जानकारी होगी तो वो इससे घबराएगी नहीं। अक्सर जिन लड़कियों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है वो समय आने पर घबरा जाती हैं। घर पर इस विषय पर कोई बात नहीं करती हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होता है। इसलिए यह काफी जरूरी है कि आप अपनी लाडली को पहले से ही इस बारे में कुछ-कुछ जानकारी दें।

कब बताएं

अक्सर मां यह सोचती हैं कि ‘ये तो हर लड़की के साथ होता है इसमें बताने वाली क्या बात है, जब समय आएगा तब बता देंगे।’ उनकी लाडली एक ही बार में सब कुछ समझ लेगी उनका यह सोचना किसी भी तरह से सही नहीं है। ज्यादातर लड़कियों के पीरियड्स 11 से 14 साल की उम्र में शुरू होते हैं। लेकिन ये दस साल के बाद कभी भी शुरू हो सकते हैं। इस उम्र की हो जाने पर आप अपनी बेटी को पीरियड्स के बारे में समझा दें ताकि पहले पीरियड्स के समय वह घबराए नहीं।

गंभीर न हो बात

आपको बेटी को पीरियड्स के बारे में बताना है लेकिन समझ नहीं आ रहा कि किस तरह से अपनी बेटी को इस बारे में बताएं, कही वो दुखी न हो जाएं, इस बात को वो किस तरह से लेगी? ऐसे तमाम सवाल हर मां के दिमाग में आते हैं। इसका यह मतलब नहीं कि उसे किसी गंभीर विषय के बारे में बताएं ही नहीं। इसके लिए इंटरनेट की मदद ले सकती हैं। अपनी मां या सास यानि कि बेटी की नानी और दादी की भी मदद ले सकती हैं। बेटी के साथ मां को अपना अनुभव शेयर करना चाहिए। इससे बेटी पीरियड्स के बारे ज्यादा अच्छे से समझ सकती है।

तैयार रहें इन सवालों के लिए

हो सकता है आपकी लाडली सब कुछ जानने के बाद काफी सारे सवाल करें तो आपको उसके हर सवाल का बड़ी सरलता और समझ से जवाब देना होगा। ये क्यों होता है? क्या यह सबको होता है? इससे मैं कमजोर हो जाउंगी?  इस समय क्या खाएं और क्या न खाएं ? ऐसे तमाम सवालों की बौछार आपकी बेटी कर सकती है। उसकी जिज्ञासा को आराम से शांत करें। उसको समझाएं कि इसमें शर्मिंदा होने जैसा कुछ नहीं है। ये बात वो अपने दोस्तों से भी शेयर कर सकती है।

बाद में बात

बाद में भी पीरियड्स से रिलेटेड बात कर सकती हैं। सही समय पर पीरियड्स आ रहे हैं या नहीं ?  पीरियड्स कितने समय में आ रहे हैं? कहीं ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल है जिनके जवाब हर मां को अपनी बेटी के बारे में पता होना चाहिए।

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विशेष जानकारी

बेटी को बेसिक हाइजीन की जानकारी भी देनी चाहिए। जैसे सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल कैसे करना है। पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई किस प्रकार करनी चाहिए। मां को ये सब बातों की भी जानकारी अपनी बेटी को देनी चाहिए। आज कल बाजार में तमाम तरह के प्रोडक्ट आ रहे हैं जिनसे हाइजीन का ध्यान रखा जा सकता है।

पीरियड्स में क्या खाना है और क्या नहीं इन सब बातों का मां को काफी ध्यान रखना चाहिए-

  • इस दौरान बेटी को खूब पानी पीने की सलाह दें। छाछ या नारियल पानी भी पी सकती हैं।
  • पीरियड्स में बहुत ज्यादा मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए।
  • पीरियड्स के दौरान पेट दर्द होना आम बात है। इसके लिए किसी दवाई लेने की सलाह कभी न दें।
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