पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि यह पहलगाम में मासूम नागरिकों की क्रूर हत्या का भारत का मजबूत जवाब है।

22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिसके बाद भारत और विदेशों में व्यापक आक्रोश फैला। शाह ने एक्स पर लिखा, “हमारी सशस्त्र सेनाओं पर गर्व है। ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हमारे मासूम भाइयों की हत्या का भारत का जवाब है।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारत या इसके नागरिकों पर किसी भी हमले का कड़ा और उचित जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने जोड़ा, “भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ है।”
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पर कहा, “पहलगाम पर भारत का संदेश साफ है – अगर तुम हमें छेड़ोगे, तो हम तुम्हें छोड़ेंगे नहीं। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत की आत्मा पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। भारत आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए सक्षम और दृढ़ है।”
जैश, लश्कर और हिजबुल के ठिकानों पर हमले
भारत ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर शामिल हैं। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके (पंजाब, पाकिस्तान) स्थित मुख्यालय भी शामिल है, जो 26/11 मुंबई हमले (अजमल कसाब के प्रशिक्षण) से जुड़ा था और जहां डेविड हेडली और तहव्वुर राणा गए थे। अल-कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन ने वहां एक गेस्ट हाउस के लिए 10 लाख रुपये दान किए थे।
हमले में निशाना बनाए गए ठिकाने:
- बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, कोटली में मरकज अब्बास, तहरा कलां में सरजल, मुजफ्फराबाद में सय्यदना बिलाल कैंप (जैश-ए-मोहम्मद)
- मुरिदके में मरकज तैबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस, मुजफ्फराबाद में श्वावाई नाला कैंप (लश्कर-ए-तैयबा)
- कोटली में मकज रहील शहीद, सियालकोट में मेहमूना जोया (हिजबुल मुजाहिदीन)
नौ में से चार ठिकाने पाकिस्तान में और पांच PoK में थे। लक्ष्यों का चयन व्यापक खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया, क्योंकि पाकिस्तान आतंकी शिविरों को छिपाने और FATF जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिबंधों से बचने की रणनीति अपना रहा था।