राज्य में छोटे होटल खोलना हुआ आसान, योगी सरकार ने बिल्डिंग बायलॉज में किया बदलाव

उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए योगी सरकार ने होटल उद्योग को बढ़ावा देने की पहल की है। इस कदम से अब छोटे होटल खोलना आसान हो जाएगा। आवास विभाग ने इस संबंध में नियमों में ढील दी है।

त्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में प्रभावी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में किए गए संशोधनों को लागू करने के लिए अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने शासनादेश जारी कर दिया है। अब सभी विकास प्राधिकरण अपने-अपने बोर्ड से अनुमोदन लेकर इसे तत्काल लागू करेंगे। छह से 20 कमरों वाले होटल खोलने के लिए अब न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता नहीं होगी। रिहायशी इलाकों में नौ मीटर चौड़ी सड़कों पर इन्हें खोला जा सकेगा।अपर मुख्य सचिव, आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में प्रभावी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में किए गए संशोधनों को लागू करने के लिए शासनादेश जारी कर दिया है।

अब 20 से अधिक कमरों वाले होटल बनाने के लिए कम से कम 500 वर्ग मीटर जमीन की जरूरत होगी। पहले कम से कम 1,000 वर्ग मीटर जमीन होना अनिवार्य था। इस नियम में भी ढील दी गई है। रिहायशी इलाकों में 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ऐसे होटल बनाए जा सकेंगे। गैर रिहायशी इलाकों में सभी तरह के होटल बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होनी चाहिए।

अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिक से अधिक होटल बनाकर पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए यह पहल की गई है। अन्य छूटों में 15 मीटर तक की ऊंचाई वाले भवनों के लिए आगे 5 मीटर, पीछे 3 मीटर और दोनों तरफ 3 मीटर की जगह छोड़ना शामिल है। हर 1,000 वर्ग मीटर निर्माण के लिए कार पार्किंग की जगह छोड़ना जरूरी होगा।

स्वीकार्य भूमि कवर और फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) के भीतर भवन की ऊंचाई पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन भवन की ऊंचाई संरक्षित स्मारकों, विरासत स्थलों से दूरी, हवाई अड्डे के फनल जोन और अन्य वैधानिक शर्तों के अनुरूप होनी चाहिए।

4000 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंडों पर प्रस्तावित होटल निर्माण में 20 प्रतिशत एफएआर का उपयोग कार्यालय और वाणिज्यिक तथा खुदरा दुकानों के लिए तथा 20 प्रतिशत एफएआर का उपयोग सर्विस अपार्टमेंट के लिए किया जाएगा। एट्रियम यानी प्रवेश हॉल का निर्माण 5 प्रतिशत अतिरिक्त भूमि कवर पर किया जा सकेगा। इसे एफ.आर. में नहीं गिना जाएगा।

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