भारत का एक ऐसा मंदिर जहां भोले देते हैं अपने दो रुप में दर्शन

आपने शिव के मंदिर तो बहुत देखे होंगे। सावन का महीना है हर कोई भगवान शिव की आराधना करने भी जाता है। लेकिन भारत में एक ऐसा भी मंदिर है जहां भगवान शिव अपने भक्तों को दो रुप में दर्शन देते हैं।

भोले

यह मंदिर गुजरात के नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर में एर परिसर नीचे शिव भगवान दो रुपों में दर्शन देते हैं। इस मंदिर में दो नंदी भी है। माना जाता है जो इन रुपों के दर्शन कर लेता है उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

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नर्मदा नदी के किनारे बना औघड़दानी का यह मंदिर बहुत चमत्कारी है, यहां पर भोलेनाथ का वरदान है। यहा पर शिव के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर शिव के एक रुप को धनेश्वर और दूसरे रुप को लुकेश्वर के नाम से जाना जाता है।

बताया जाता है कि धनेश्वर महादेव की स्थापना स्वयं कुबेर ने की थी। कहते हैं रावण ने जब कुबेर से सोने की लंका छीन ली थी, तब कुबेर ने उसे वापस पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या की। भोले भंडारी के उसी रूप को भक्त धनेश्वर के नाम से पूजते हैं। धनेश्वर महादेव के साथ ही विराजने वाले लुकेश्वर महादेव मंदिर भी उतना ही प्राचीन है।

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भस्मासुर नामक दैत्य ने महादेव को प्रसन्न कर एक वरदाम प्राप्त किया था। वगदान यह था कि वो जिसके भी सर पर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगी। वरदान पाने के बाद ही भस्मासुर शिव के पीछे ही दौड़ पड़ा। तब भगवान खुद को बचाने के लिए इस नदी के पास झाड़ियों में छिप गए थे। तब भगवान विष्णु ने स्त्री रूप धारण कर छल पूर्वक भस्मासुर का हाथ उसी के ऊपर रखवा दिया। तब भस्मासुर अपने ही वरदान से भस्म होकर मर गया था। तब से भोले का यह रुप लुकेश्वर के नाम से जाना जाने लगा।

 

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