आचार संहिता उल्लंघन पर आयोग से जवाब तलब, हाईकोर्ट ने दिया तीन हफ्ते का वक्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नवंबर, 2017 में हुए नगरीय निकाय चुनावों में आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

आचार संहिता

न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की खंडपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता प्रताप चंद्रा की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर तथा आयोग की अधिवक्ता अपराजिता बंसल की दलीलें सुनने के बाद दिया।

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डॉ. नूतन ने अदालत को बताया कि आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता के प्रस्तर 3 (च) में कहा गया है कि वोटिंग समाप्त होने के 48 घंटे पूर्व किसी भी टीवीए इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया में चुनाव प्रचार संबंधी कोई विज्ञापन नहीं प्रकाशित होगा।

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इसके विपरीत चुनाव के दिन तक प्रत्याशियों तथा राजनैतिक दलों द्वारा विज्ञापन प्रकाशित कराए गए हैं, जो आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग को सूचित किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अदालत ने मामले को गंभीर बताते हुए आयोग को विस्तृत प्रतिउत्तर देने के आदेश दिए, मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को नियत है।

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