ई20 पेट्रोल विवाद पर नितिन गडकरी का पलटवार: ‘मेरे खिलाफ चलाया जा रहा पेड सोशल मीडिया कैंपेन, भ्रामक दावों पर ध्यान न दें’

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ई20 ईंधन (20% इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल) को लेकर सोशल मीडिया पर उठ रहे विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे “पेड पॉलिटिकल कैंपेन” करार दिया है।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 65वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि यह कैंपेन राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है और उनका निशाना बनाने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि भ्रामक दावों पर ध्यान न दें, क्योंकि ई20 ईंधन सुरक्षित है और इसका वाहनों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

गडकरी ने स्पष्ट किया कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI), SIAM और सुप्रीम कोर्ट ने ई20 प्रोग्राम को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर यह कैंपेन पेड था, जो मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए था। इसमें कोई तथ्य नहीं है। ईथेनॉल ब्लेंडिंग आयात विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी है।”

उन्होंने पुराने वाहनों पर ई20 के प्रभाव को लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि परीक्षणों में कोई समस्या नहीं पाई गई और पुराने वाहनों को कोई नुकसान नहीं होता।

मंत्री ने ई20 कार्यक्रम के फायदों पर जोर देते हुए बताया कि यह किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का लाभ दे चुका है, मक्का की कीमत 1,200 रुपये से बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। यह कार्यक्रम भारत की 22 लाख करोड़ रुपये की जीवाश्म ईंधन आयात पर निर्भरता कम करेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा।

गडकरी ने पेट्रोल लॉबी और अन्य हितों को इसके पीछे जिम्मेदार ठहराया, जो साफ ईंधन के विचार को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वाहन निर्माताओं से वैकल्पिक ईंधनों पर फोकस करने और पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग पर जीएसटी राहत की मांग भी की।

ई20 को 2025 में ही लागू कर लिया गया है, जो कार्बन उत्सर्जन कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने माइलेज में कमी और इंजन क्षति के दावे किए हैं, लेकिन सरकार ने इन्हें खारिज करते हुए कहा है कि माइलेज में मामूली कमी स्वीकार्य सीमा में है।

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