
नेपाल में Gen-Z के विरोध प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केपी शर्मा ओली का पहला रिएक्शन सामने आया है. बुधवार (10 सितंबर, 2025) को जारी एक बयान में ओली ने खुलासा किया कि वह वर्तमान में नेपाल सेना के शिवपुरी बैरक में हैं. ओली ने सत्ता छोड़ने के बाद भी भारत के खिलाफ बोलना बंद नहीं किया है.
पीएम पद से हटने के बाद ओली भारत के खिलाफ जहर उगलने लगे हैं. ओली का कहना है कि उन्होंने सत्ता इसलिए खो दी क्योंकि उन्होंने ‘अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान की बात का विरोध किया था.’
कहां छिपे हैं केपी शर्मा ओली ?
नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि अगर उन्होंने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा का मुद्दा नहीं उठाया होता तो वह सत्ता में बने रहते. ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा रही इन जगहों को नेपाल अपना क्षेत्र बनाता है. ओली ने अपने बयान के जरिए उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि वह देश छोड़कर भाग गए हैं. ओली ने कहा कि वो काठमांडू के उत्तर में स्थित शिवपुरी में हैं.
खुद को बताया जिद्दी स्वभाव का व्यक्ति
अपने पत्र में खुद को स्वभाव से जिद्दी बताते हुए ओली ने कहा कि अगर जिद्दी न होते तो बहुत पहले हार चुके होते. उन्होंने कहा, ‘इसी जिद के साथ मैंने यहां काम करने वाली सोशल मीडिया कंपनियों से हमारे नियमों का पालन करने और स्थानीय स्तर पर पंजीकरण कराने की मांग की थी. मैंने जोर देकर कहा था कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा नेपाल के हैं. मैंने यह भी कहा था कि भगवान श्री राम का जन्म नेपाल में हुआ था भारत में नहीं. जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है.
‘मेरे लिए पद और प्रतिष्ठा मायने नहीं रखती’
ओली ने आगे कहा, ‘अगर मैंने इन बातों पर समझौता कर लिया होता तो मैं कई आसान रास्ते चुन सकता था और कई लाभ प्राप्त कर सकता था. अगर लिंपियाधुरा समेत नेपाल का नक्शा संयुक्त राष्ट्र को न भेजा गया होता, या अगर मैंने दूसरों को अपने लिए फैसला लेने दिया होता तो मेरा जीवन बहुत अलग होता. ओली ने कहा कि उनके लिए पद और प्रतिष्ठा मायने नहीं रखती.