चीन बना रहा भारत को हिलाने का प्लान, तैयार हो रही ‘ब्रम्हपुत्र’ को जकड़ने की तकनीक
नई दिल्ली। डोकलम विवाद के बाद भारत-चीन सीमा पर तिब्बती चरवाहों की तैनाती के साथ ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर नया प्लान बनाने का मामला सामने आया है। बता दें चीने में ब्रम्हपुत्र नदी के पानी को डाइवर्ट करने के लिए एक हजार किलोमीटर लम्बी टनल बनाने को लेकर चर्चा चल रही है। यदि इस टनल के निर्माण को मंजूरी दी जाती है तो भारत के लिए ये बड़ा ख़तरा साबित होने के आसार हैं।
खबरों के मुताबिक इंजीनियरों ने अपना प्लान इसी साल मार्च में चीनी सरकार को सौंपा था, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से इसे मंजूरी नहीं मिली है।
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टनल निर्माण की ड्राफ्टिंग कमेटी में शामिल रहे वांग वी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में एक किलोमीटर पर एक बिलियन युआन का खर्च आएगा। यानी पूरे टनल को बनाने में कुल 1 ट्रिलियन युआन खर्च होगा, जो कि चीन के मशहूर तीन जॉर्जेस बांध की लागत के बराबर होगा।
हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर अभी पर्यावरण की दृष्टि से कोई आंकलन नहीं किया गया है। साथ ही इसके असर को भी अभी नहीं आंका गया है।
एक अन्य चीनी रिसर्चर के मुताबिक, चीन एक दिन जरूर ये प्रोजेक्ट बनाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, 5-10 साल में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए तकनीक तैयार हो जाएगी। इसके बाद इस पर खर्च भी कम आएगा।
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बता दें चीनी सरकार अगर इस टनल निर्माण को मंजूरी दे देती है तो भारत और बांग्लादेश पर इसका व्यापस असर होने की आशंका जताई जा रही है।
भारत इससे पहले 2010 में तिब्बत के जैंग्मू में बनाए गए बांध पर भी चिंता जाहिर कर चुका है। बावजूद इसके चीन जैंग्मू बांध के बाद तीन और डैम को ग्रीन सिग्नल दे चुका है।
अब जिस नए प्रोजेक्ट का रोडमैप चीनी इंजीनियरों ने अपनी सरकार को सौंपा है, अगर वह बन जाता है तो भारत के लिए ज्यादा खतरा पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।
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