नई दिल्ली| भारत में वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा देने वाले नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, यहां तक कि इन्हें भारत में बैन भी किया जा सकता है। अमेजन और नेटफ्लिक्स के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका एक एनजीओ की ओर से दाखिल की गई है।

जिस NGO ने नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम के खिलाफ याचिका दाखिल की है उसका नाम जस्टिस फॉर राइट फाउंडेशन है। एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा है कि नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम भारत में अश्लील वीडियो कंटेंट दिखा रहे हैं जो कि उचित नहीं है।
नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम पर आरोप है कि इनके प्लेटफॉर्म पर ऑन डिमांड अनुचित, यौन से संबंधित, धार्मिक रूप से और कानूनी रूप से प्रतिबंधित वीडियो दिखाए जाते हैं।
एनजीओ के वकील हरप्रित सिंह होरा के मुताबिक सैक्रेड गेम, गेम ऑफ थ्रोन्स जैसे वीडियो को जितना जल्दी हो सके भारत में बैन करना चाहिए। ऐसे टीवी या वीडियो शोज को बंज करने के लिए अगस्त 2018 में ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से अनुरोध किया गया है।
अब डॉक्टर नहीं ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बताएंगा आपके दिल का हाल, बीमारी का देगा संकेत
याचिका में यह भी कहा गया है कि नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे ऐप भारत में एक साथ कई सारे कानून को तोड़ रहे हैं जिनमें भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 और भी कई सारे कानून शामिल हैं।