
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से डॉक्टरो की एक ऐसी लापरवाही सामने आई है। जिसके कारनामें आप सुनेंगे तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। आप जानकर हैरान होंगे कि भला कोई भी डॉक्टर अपने इलाज के दौरान इस तरह का अमानवीय भूल कैसे कर सकता है।
जी हां पूर्वांचल के सबसे प्रसिद्ध हॉस्पिटल कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। जहां पर एक महिला की नसबंदी ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने लापरवाही करते हुए महिला के पेट में लगभग आधा दर्जन सुईयां छोड़ दी। जिसके बाद महिला की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
वहीं गलती का एहसास होने के बाद डॉक्टरों ने महिला के पेट से एक दो सुई तो निकाल दी है, लेकिन अभी भी उसके पेट में कुछ सुइयां है जो उसके लिए खतरा साबित हो सकती है।
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घटना के बाद पीड़िता के पति विकास ने बताया कि वह अपनी पत्नी की दोनों डिलीवरी बीएचयू अस्पताल में ही कराया था। जिसके बाद दूसरे बेटे का जन्म भी बीएचयू में ही हुआ। इसके बाद उसने 10 फरवरी 2017 को पत्नी की नसबंदी कराने के लिए बीएचयू के प्रसूति विभाग में उसका ऑपरेशन कराया।
लेकिन यहां ऑपरेशन के कुछ दिन बाद पत्नी के पेट में दर्द की शिकायत होने लगी, तो वह अपनी पत्नी को वापस डॉक्टर्स को दिखाया जहां एक्सरे में पता चला कि पेट में डॉक्टर की लापरवाही से 5 सुई अन्दर ही रह गयी हैं।
वहीं हद तो तब हो गयी जब इस लापरवाही के बाद डॉक्टरों ने पीड़िता के पति विकास को धमकाने लगे और कहने लगे कि अगर बाहर किसी को बताया तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा। पति ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने पहले हमसे वादा किया की वो सारी सुई निकाल देंगे पर उन्होंने सिर्फ 2 ही सुई निकाली और 3 पेट में ही छोड़ दिया और हमें वहां से भगा दिया।
जिसके बाद पीड़िता के पति ने डॉक्टरों के खिलाफ लंका थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। जहां एसओ लंका का कहना है कि हमने मामले की जांच के लिए सीएमओ से बात की है और जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
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घटना के बाद बीएचयू के पीआरओ राजेश सिंह ने कहा कि अगर उनको तकलीफ है तो वह हमारे पास आएंगे ना कि थाने जाएंगे। राजेश सिंह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए डॉक्टरों पर लगाए गए सभी आरोपों को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि पीड़ित हमारे पास नहीं आया है और ना ही हम से कोई शिकायत की है इसलिए यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है।