
नई दिल्ली| जनता दल (युनाइटेड) के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति के लिए नौ अगस्त को होने वाले चुनाव में राजग के उम्मीदवार हो सकते हैं। यद्यपि इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन हरिवंश ने स्वयं कहा है कि वह सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवार हैं। विपक्षी पार्टियां चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन किसी उम्मीदवार की घोषणा अभी नहीं हुई है। लेकिन इस उम्मीदवारी पर घटक दलों में फूट पड़ गया, अकाली दल इसके विरोध में आ गया है। जबकि शिवसेना सलाह नहीं लिए जाने से नाराज है। माना जा रहा है कि एनडीए के कुछ घटक दल 9 अगस्त को चुनाव के दिन गैरहाजिर रह सकते है।
हरिवंश पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने हैं। उन्होंने कहा, “मुझे मीडिया से पता चला है कि राज्यसभा उपसभापति पद के लिए मैं राजग का उम्मीदवार हूं। मैं राजग के दलों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूं। मुझे आशा है कि मैं सफल होऊंगा।”
यह पूछे जाने पर कि विपक्ष उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहा है, हरिवंश ने कहा कि हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि उच्च संवैधानिक पदों पर एक आम सहमति होनी चाहिए और उन्होंने विपक्षी पार्टियों से इस दिशा में काम करने का आग्रह किया।
सोमवार को लोकलेखा समिति का चुनाव हार जाने के बारे में पूछे जाने पर हरिवंश ने कहा कि यह चुनाव उन्होंने अपने व्यक्तिगत स्तर पर लड़ा था। उन्होंने कहा, “मैं राजग उम्मीदवार हूं और इस बार काफी समर्थन होगा।” उल्लेखनीय है कि बिहार में जद(यू) और भाजपा सत्ताधारी गठबंधन में साझेदार हैं।
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उपसभापति पद का चुनाव कड़ा होगा, क्योंकि विपक्षी खेमे के पास भाजपा नेतृत्व वाले राजग से संख्या बल अधिक है। चुनाव परिणाम बीजद, एआईएडीएमके, तेलंगाना राष्ट्र समिति और वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों के रुख पर निर्भर करेगा, जो खास परिस्थितियों में सरकार के साथ गठजोड़ कर सकती हैं।