राष्ट्रीय जांच एजेंसी को नौ साल बाद मिलेगा अपना मुख्यालय, राजनाथ सिंह करेंगे उद्घाटन
नई दिल्ली। मुंबई आतंकवादी हमले के बाद गठित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नौ साल बाद अपना मुख्यालय मिलने जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को इसका उद्घाटन करेंगे। एनआईए मुख्यालय की आधारशिला 10 सितंबर, 2015 को राजनाथ सिंह ने रखी थी और इसका कार्य निर्धारित 24 महीनों के भीतर पूरा हुआ है। मुख्यालय में 35.13 करोड़ रुपये की लागत से नौ तल और दो भूतल का निर्माण किया गया है और इसका कुल क्षेत्रफल 1,14,056 वर्ग फुट है।
एनआईए मुख्यालय निर्माण के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने लोदी रोड स्थित सीजीओ परिसर के सामने 23 दिसंबर, 2013 को 22.78 लाख रुपये की लागत से 1.0356 एकड़ भूमि आंवटित की। इसके बाद 24 दिसंबर, 2014 को गृह मंत्रालय से अनुमति के बाद 29 दिसंबर, 2014 को एनबीसीसी के साथ कार्यालय निर्माण के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
31 दिसंबर, 2008 को अस्तित्व में आए एनआईए ने शुरुआत में नई दिल्ली स्थित होटल सेंटूर से कार्य प्रारंभ किया और इसके बाद नई दिल्ली में जय सिंह मार्ग स्थित एनडीसीसी भवन से कार्य किया।
मुख्यालय के अतिरिक्त एजेंसी ने देश भर में लखनऊ, हैदराबाद, कोच्चि, गुवाहाटी, मुंबई, कोलकाता, रायपुर और जम्मू स्थित कार्यालयों से काम शुरू किया। इसके अतिरिक्त एनआईए ने चंडीगढ़, नगर, चेन्नई, बेगलुरू, विशाखापट्टनम, अहमदाबाद, भरूच, जगदलपुर, पटना, सिलीगुड़ी, मालदा, रांची, विजयवाड़ा और इंफाल में शिविर कार्यालय की स्थापना की।
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एनआईए केंद्र सरकार की आंतकवाद रोधी प्रमुख जांच एंजेसी है, जिसने 31 दिसंबर, 2008 से कार्य करना प्रांरभ किया। एनआईए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की जांच कर रही है और एजेंसी का अखिल भारतीय अधिकार क्षेत्र है।
एनआईए ने 19 जनवरी, 2009 से कार्य करने की शुरुआत की और जुलाई 2017 के अंत तक एंजेसी को जांच के लिए 166 मामले सौंपे गए। इन मामलों में आंतकवाद संबधी सभी चुनौती सम्मिलित थी और इसमें 26 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में जांच शामिल थी।
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166 मामलों में से 63 मामले जिहादी आतंकवाद, 25 पूर्वोत्तर से जुड़े उग्रवादी संगठनों, 41 मामले आतंकवादी मामलों में वित्तीय सहायता और नकली नोट, 13 मामले वामपंथी उग्रवाद, जबकि शेष 24 मामले अन्य आतंकवादी घटनाओं और गैंग से जुड़े थे।