उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में राष्ट्रगान हुआ अनिवार्य, देवबंदी उलेमाओं की प्रतिक्रिया जताई सहमति

उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में रोजाना राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य कर दिया गया है। जहां उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी किया है। इस बारे में जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और आलिम ए दिन इमाम मौलाना कारी इसहाक गौरा का कहना है कि, मदरसों में राष्ट्रगान को लेकर सरकार की तरफ से जो आदेश आया है इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं थी।

इस बारे में जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और आलिम ए दिन इमाम मौलाना कारी इसहाक गौरा का कहना है कि मदरसों में राष्ट्रगान को लेकर सरकार की तरफ से जो आदेश आया है। इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं थी बड़े मदरसों में 15 अगस्त को 26 जनवरी को राष्ट्रगान गाया जाता है। सभी को मालूम है और भी मौके पर राष्ट्रगान की अहमियत दी जाती है। राष्ट्रगान को गाया जाता है अचानक से मदरसों के लिए इस तरह का फरमान आना इसको बहुत आंखें खोल कर देखना मेरी समझ से कोई आवश्यकता नहीं है। यह मुल्क सब का है सभी लोग इस मुल्क के हिस्सेदार हैं। और इस मुल्क की वफादारी सब की जिम्मेदारी हैं हम हिंदुस्तानियों के लिए राष्ट्रगान को लेकर किसी तरह का किसी को कोई विवाद नहीं है। और ना ही होना चाहिए देवबंदी उलेमा मुफ्ती अरशद कासमी ने कहा कि 15 अगस्त 26 जनवरी को राष्ट्रगान ध्वजारोहण के बाद गाया जाता है। अब इसे रोज गाने में भी कोई गुरेज नहीं है कोई भी समस्या नहीं है।

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