मिली धरती की ‘बहन’, बसना होगा संभव, साल 395 दिन का

धरतीनई दिल्ली। धरती के अलावा कहीं और बसने की बातें तो चला ही करती हैं। कई बार ये बात उठती है कि हम चांद या मंगल पर 100-200 साल बाद बस्तियां बसा लेंगे। इस पर वैज्ञानिक हमेशा ही किसी नई खोज में लगे रहते हैं। अब एक बार फिर वैज्ञानिकों ने ‘चमत्कार’ किया है।

नासा के केप्लर मिशन ने 20 ऐसे ग्रहों की पहचान की है जिनकी परिस्थितियां धरती जैसी हैं। इसका मतलब है कि इन पर या तो किसी तरह का जीवन है या वहां जीवित रहा जा सकता है।

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इन में से कोई-7923.0 नाम का ग्रह पृथ्वी 2.0 कहा जा रहा है। इस ग्रह पर 395 दिन का साल होता है। साथ ही ये धरती के आकार का 97 प्रतिशत है। हालांकि ये धरती से ज्यादा ठंडा है। इस ग्रह के गरम हिस्से हमारे यहां के ठंडे प्रदेशों जैसे हैं।

नासा के केप्लर मिशन जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि इस अंतर से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। अगर किसी जगह जीवन की तलाश में अंतरिक्ष यान भेजना हो तो ये ग्रह इसके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है।

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2009 में दूसरी दुनिया को तलाशने भेजे गए केपलर में लगभग बीच में कई मशीनी गड़बड़ियां आ गई थी। अंतरिक्ष यान ‘ट्रांजिट पद्धति’ के जरिये ग्रहों का पता लगाता है।

जिसके लिए अत्यधिक सटीक ‘प्वाइंटिंग’ की जरूरत होती है। मई, 2013 में केप्लर की ये क्षमता खत्म हो गई थी। जिसे समय के साथ सही कर लिया गया।

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