यूपी के इस पूर्व सीएम ने निकाला तोड़, आदेश के बाद भी नहीं खाली होगा बंगला!

लखनऊ। देश की सबसे बड़ी अदालत के आदेश के बाद जिन लोगों पर ‘बेघर’ होने का खतरा मंडरा रहा है उनमें से एक समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी शामिल हैं। अब छत छिनने के डर से मुलायम सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है।

अदालत के आदेश

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करना होगा। इसी मामले में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

सीएम योगी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री की मुलाकात 5 केडी पर हुई। 30 मिनट की इस मुलाकात में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास को खाली कर वाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा हुई।

खबरों के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ से इस मामले में मुलायम सिंह यादव ने दूसरा रास्ता निकालने का आग्रह किया है। दरअसल, 7 को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगलों को अवैध करार देते हुए खाली करने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद राज्य सरकार कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस जारी करने वाली है। इसकी प्रक्रिया जारी है।

जानकारी के मुताबिक मुलाकात के दौरान मुलायम ने मुख्यमंत्री से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है, साथ ही बंगले को बचाने के लिए उपाय भी ढूढ़ने का आग्रह किया है।

बता दें सुप्रीम अदालत के आदेश के बाद मुलायम सिंह यादव, बेटे अखिलेश यादव, एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मायावती को आवास खाली करने पड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में 1980 से पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र आवास आवंटित किए जा रहे हैं।

अदालत के आदेश की ये है तोड़!

सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि मुलाक़ात के दौरान अपना और बेटे अखिलेश के सरकारी बंगले को बचाने के लिए मुलायम ने सीएम योगी को एक फ़ॉर्मूला भी दिया है। जिसके मुताबिक मुख्यमंत्री विधानसभा और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष के नाम दोनों बंगले आवंटित किए जाएं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के नाम बंगला आवंटित होने से दोनों के आवास बच सकते हैं। हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि मुलायम के इस प्रस्ताव पर सीएम योगी ने क्या कहा।

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