आप ऐसे पता लगा सकते हैं कि भगवान आपके साथ हैं या नहीं

जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है, ‘‘प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिए, मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते हैं। मैं वहां नहीं जाना चाहता…’’

ऐसा कहकर वह उदास होकर बैठ जाता है। भगवान स्नेहपूर्वक उसके सिर पर हाथ फेरते हैं और सृष्टि के नियमानुसार उसे जन्म लेने की महत्ता समझाते हैं। बालक कुछ देर हठ करता है पर भगवान के बहुत मनाने पर वह नया जन्म लेने को तैयार हो जाता है।

बालक भगवान

बालक भगवान से कहता है ‘‘ठीक है प्रभु, अगर आपकी यही इच्छा है कि मैं मृत लोक में जाऊं तो वही सही पर जाने से पहले आपको मुझे एक वचन देना होगा।’’

भगवान, ‘‘बोलो पुत्र तुम क्या चाहते हो?’’

बालक, ‘‘आप वचन दीजिए कि जब तक मैं पृथ्वी पर रहूं तब तक हर क्षण आप भी मेरे साथ होंगे।’’

भगवान, ‘‘अवश्य, ऐसा ही होगा।’’

बालक, ‘‘पर पृथ्वी पर तो आप अदृश्य हो जाते हैं। भला मैं कैसे जानूंगा कि आप मेरे साथ हैं कि नहीं?’’

भगवान, ‘‘जब भी तुम आंखें बंद करोगे तो तुम्हें दो जोड़ी पैरों के चिन्ह दिखाई देंगे। उन्हें देखकर समझ जाना कि मैं तुम्हारे साथ हूं।’’

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फिर कुछ ही क्षणों में बालक का जन्म हो जाता है। जन्म के बाद वह सांसारिक बातों में पड़कर भगवान से हुए वार्तालाप को भूल जाता है। जीवन बीतने के बाद मरते समय उसे इस बात की याद आती है तो वह भगवान के वचन की पुष्टि करना चाहता है।

वह आंखें बंद कर अपना जीवन याद करने लगता है। वह देखता है कि उसे जन्म के समय से ही दो जोड़ी पैरों के निशान दिख रहे हैं, परन्तु जिस समय वह अपने सबसे बुरे वक्त से गुजर रहा था उस समय केवल एक जोड़ी पैरों के निशान ही दिखाई दे रहे थे। यह देख वह बहुत दुखी हो जाता है कि भगवान ने अपना वचन नहीं निभाया और उसे तब अकेला छोड़ दिया जब उनकी सबसे अधिक जरूरत थी।

मरने के बाद वह भगवान के समक्ष पहुंचा और रूठते हुए बोला, ‘‘प्रभु, आपने तो कहा था कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर दिखाई दिए। बताइए आपने उस समय मेरा साथ क्यों छोड़ दिया?’’

भगवान मुस्कुराए और बोले, ‘‘पुत्र, जब तुम घोर विपत्ति से गुजर रहे थे तब मेरा हृदय द्रवित हो उठा और मैंने तुम्हें अपनी गोद में उठा लिया, इसलिए उस समय तुम्हें सिर्फ मेरे पैरों के चिन्ह ही दिखाई पड़ रहे थे। इसलिए तुम्हें ऐसा आभास हुआ।’’

शिक्षा: बहुत बार हमारे जीवन में बुरा वक्त आता है। कई बार लगता है कि हमारे साथ बहुत बुरा होने वाला है। जब बाद में हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि हमने जितना सोचा था उतना बुरा नहीं हुआ। शायद यही वह समय होता है जब प्रभु आपको अपनी गोद में स्थान देते हैं। इसलिए बुरे वक्त से कभी मत घबराएं।

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