आठ महीनों से लापता है बेटा, योगी राज में इंसाफ मांग रही मां

रिपोर्ट- अरूण अवस्थी

उन्नाव। कानून व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार भले ही बड़े बड़े दावे कर रही हो परंतु उन्नाव पुलिस है कि सुधरने का नाम ही नही ले रही है यहाँ पर न्याय की आस में आये पीड़ित को और पीड़ा देने का काम उन्नाव पुलिस कर रही है। पुलिस के बेशर्म चेहरे को उजागर करने वाला ये मामला है उन्नाव जनपद के बारा – सगवर थानाक्षेत्र का जहाँ 8 महीने पूर्व एक बच्‍चे का अपहरण हो जाता है। जिसकी फिरौती के एवज में 30 लाख रुपए की अपहरणकर्ता मांग करते हैं, पुलिस को लगातार फोन काल की सूचना और काल रिकार्डिंग देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नही होती है।

पीड़ित

मामले में करीब 29 फोन कॉल्स आने के बाद भी पुलिस के कान पर जूँ तक नही रेंगी,  हद तो तब हो गयी जब बारा सगवर थानाध्यक्ष ने जांच के एवज में पीड़ित परिवार से 50 हजार रुपए की मांग करने लगे, पैसे न देने पर पीड़ित परिवार को जेल में बंद करने का फरमान तक सुना डाला और अंत में पीड़ित परिवार से 25 हजार रुपए लेकर 1 हफ्ते में अपहरण हुए युवक को वापस लाने का आश्वासन तक दे डाला। लेकिन 1 हफ्ता क्या साहब कई महीने बीत गए लेकिन एक माँ को उसके लाल आकाश से मिलाने में ये रिश्वत खोर पुलिस नाकाम साबित हुई कार्यवाई करने के बजाय वो शायद आकाश के मरने का इन्तजार करती रही।

पूरा मामला है उन्नाव जनपद के बारा सगवर थानाक्षेत्र के बक्सर गांव का, जहां लगभग 8 महीने पूर्व (22.09.2017) को आकाश पुत्र संजय का अपहरण हुआ। जिसको लेकर अपहरण कर्ताओं द्वारा उसको छोड़ने के एवज में 30लाख रुपए की लगातार मांग करते रहे, रुपए न देने की शर्त पर लड़के को जान से मारने एवं दूसरे बच्चे को किडनैप करने की धमकी देते रहे।

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जब इसकी सूचना स्थानीय थाना बारा- सगवर में दी गयी तो पुलिस ने पहले तो मुकदमा ही पंजीकृत नही किया। जब पीड़ित परिवार ने उन्नाव पुलिस अधीक्षक के पास जाकर न्याय की गुहार लगाई तब जाकर करीब 1 महीने बाद मुकदमा पंजीकृत किया गया, परन्तु पुलिस लगातार पूरे मामले को दबाती रही और पीड़ित परिवार को धमकाती, डराती रही। कोई कार्यवाही न होने पर  जब पीड़ित परिवार ने पुनः पुलिस अधीक्षक के पास न्याय की गुहार लगाई तो पीड़ित परिवार के अनुसार थानाध्यक्ष बारा सगवर ने जांच का हवाला देकर परिवार से 50 हजार रुपए की मांग करने लगे।

1 सप्ताह के अंदर युवक को ढूंढ के लाने का आश्वासन भी देने लगे, दर दर की ठोकरे खा रहा गरीब परिवार अपने चिराग की वापसी की आस देख थानाध्यक्ष को 25 हजार रुपए दे दिये। लेकिन अब तक आकाश का कोई पता नही चल पाया है । ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने तो लाजमी है क्योकि पीड़ित द्वारा लगातार काल रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराने और जिस नम्बर से फिरौती मांगी जा रही वो नम्बर उपलब्ध कराये जा रहे यही नही आरोपियों का नाम भी माँ के द्वारा बताया जा रहा फिर भी उन्नाव की हाईटेक पुलिस इतनी लाचार आखिर क्यों ?

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पीड़ित परिवार ने करीब 7 से 8 प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक को दिए परंतु आश्वासन के अतिरिक्त परिवार को कुछ नही मिला, थक हार चुके परिवार को  एक उम्मीद की किरण दिखी और उसने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी जाकर न्याय की गुहार लगाई परंतु उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई, पीड़ित परिवार ने राष्ट्रपति कार्यालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक प्रार्थनापत्र दिया परंतु कोई सुनवाई नही हुई।

युवक की माँ आज भी रोती बिलखती रहती है और हर सुबह एक आस से उठती है कि शायद उसका बच्चा आज घर वापस आ जायेगा। वही जब इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया की मामला संज्ञान में आया है हम बच्चे को खोजने का पूरा प्रयास करेंगे और यदि हमारी पुलिस द्वारा पैसे की मांग की गई है या लिए गए है तो जांच करके कार्यवाई की जायेगी।

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