मोहसिन रज़ा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर दिया ऐसा बयान जिसे सुनकर वसीम रिज़वी भी भरेंगे हामी

रिपोर्टर- अर्सलान समदी

लखनऊ। राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने आज एक बयान जारी करते हुए हिंदुस्तान में मुसलमानों के लिए काम कर रही सबसे बड़ी तंज़ीम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को निशाने पर लिया है। मोहसिन रज़ा ने मीडिया में दिए अपने बयान में कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो बाहैसियत एक NGO से ज्यादा कुछ नहीं। आज एक संवैधानिक संस्था की तरह व्यवहार करने की कोशिश कर रही है।

मोहसिन रज़ा

AIMPLB की कोशिश देश के मुसलमान आवाम को तरक़्क़ी और जम्हूरीयरत के रास्ते से हटा कर कट्टरपंथ और पिछड़ेपन के रास्ते पर ले जाने की है। शरिया अदालत बनाने का फैसला असंवैधानिक है। क्यों न इस तरह की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई हो ? देश मे एक ही संविधान चलेगा। कोई NGO इतनी बड़ी कौम की तक़दीर का फैसला नहीं करेगा।

बता दें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेकर इससे पहले भी विवाद खड़ा हो चुका है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने भी कुछ इन्हीं अंदाज़ों में बोर्ड को घेरने की कोशिश की थी। वसीम रिज़वी ने सरकार से कई बार यह मांग तक की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बन्द होना चाहिए।

वहीँ मोहसिन रज़ा के बयान के बाद एकबार फिर वसीम रिज़वी के बयानों को हवा मिलती दिख रही है। और एक बहस फिर से छिड़ गई है।

दूसरी तरफ अगर बात करें मुसलमानों के शिया और सुन्नी समुदाय की, तो दोनों ही समुदाय के उलेमा ने पर्सनल लॉ बोर्ड की हिमायत की है।

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शिया चाँद कमेटी के अध्यक्ष और शिया आलिम मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि पूरे हिंदुस्तान में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सम्मान मिलता है। देश के मुसलमान बोर्ड का एहतराम कर रहे हैं और हिंदुस्तान का मुसलमान इसको फॉलो करता है।

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इसके साथ ही मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड की दारुल क़ज़ा पर दिए गए बयान को गलत ट्रांसलेट किया जा रहा है। कोई नई अदालत नहीं बल्कि दारुल क़ज़ा के अंतर्गत समझौतों से मामले सुलझाने की कोशिश बहुत पहले से होती आ रही है।

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