वसीम रिजवी का बयान, इस्लामिक नहीं है चांद-तारे वाला झंडा

रिपोर्ट- अर्सलान समदी

लखनऊ। अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने चाँद तारा बने हरे रंग के झंडे पर एक नयी बहस छेड़ दी है।

वसीम रिजवी

आपको बता दे कुछ वक्त पहले हरे रंग पर चाँद तारा बने  झंडे पर आपत्ति करते हुए वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में एक पी.आई.एल दाखिल की थी जिस पर आज उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से पक्ष रखने को कहा है।

वहीं वसीम रिज़वी का कहना है कि हरे रंग पर बना सफेद चाँद तारा वाला झंडा इस्लामिक नहीं है बल्कि 1906 में मुस्लिम लीग द्वारा बनाया गया  झंडा है जो पाकिस्तान बन जाने के बाद मुस्लिम लीग के साथ पाकिस्तान चला गया।

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वसीम रिज़वी ने अपने बयान में यह तक कह डाला कि इस्लाम आने से पहले चाँद-तारा बने झंडे का इस्तेमाल अरब की वैश्याएं करती थी जो चांदनी रातों में तारों की छाव में महफिले सजाया करती थी।

जाहिर है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी लगातार विवादित बयान दे रहे है। इससे पहले वह तीन तलाक और मदरसें में हो रही पढ़ाई पर अपना पक्ष रख चुके है। और साथ ही राममंदिर निर्माण की पहल कर रहे है।

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