Mohan Bhagwat का बड़ा बयान, मांसाहार पर कही ये बात

RSS प्रमुख मोहन Mohan Bhagwat भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के हर शख्स में जो भारत की आत्मा काम करती है, हमें वो बनना है. भारत का एक मन, एक बुद्धि और एक आत्मा है। उसका एक ही आत्मस्वरूप सत्य है. भारत सत्य के साक्षात्कार से बना है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने संकट के समय भारत की ओर से श्रीलंका और मालदीव को दी गई मदद की तरीफ की है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि व्यक्ति को किस तरह का भोजन करना चाहिए. भागवत ने आरएसएस से जुड़े संगठन ‘भारत विकास मंच’ के एक कार्यक्रम में कहा, जब श्रीलंका और मालदीव संकट में थे, तब केवल भारत ने ही उनकी मदद की, जबकि बाकी देशों की दिलचस्पी कारोबार के अवसर तलाशने में थी।

भागवत ने कहा, ‘चीन, अमेरिका और पाकिस्तान जैसे देशों ने श्रीलंका की ओर तब ध्यान दिया, जब उन्हें वहां कारोबार के अवसर दिखे.लेकिन जब श्रीलंका संकट में है, तो कौन मदद कर रहा है? केवल भारत. जब मालदीव जल संकट का सामना कर रहा था, तो उसे पानी किसने भेजा? भारत ने ऐसा किया. यह आध्यात्मिक भारत है.’ भागवत ने कहा कि आध्यात्मिकता भारत की आत्मा है. उन्होंने कहा, ‘भारत को क्या करने की जरूरत है? उसे हर किसी को अपने उदाहरण से इस आध्यात्मिकता के आधार पर जीवन जीने का तरीका बताना है। ‘

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भागवत ने बताया, कैसा खाना खाना चाहिए

उन्होंने पर्सनैलिटी के ओवरऑल डेवेलपमेंट की बात करते हुए कहा, ‘अगर आप गलत (तरह का) खाना खाते हैं, तो यह आपको गलत रास्ते पर ले जाएगा. किसी को ‘तामसिक’ भोजन नहीं करना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि भारत में भी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह लोग मांस खाते हैं, लेकिन वे ऐसा करते समय संयम बरतते हैं और कुछ नियमों का पालन करते हैं. भागवत ने कहा, ‘जो लोग यहां मांसाहारी भोजन करते हैं, वे श्रावण के पूरे महीने मांस नहीं खाते. वे सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार या शनिवार को मांस नहीं खाते हैं. वे अपने लिए कुछ नियम बनाते हैं।’

Mohan Bhagwat ने आगे कहा कहा कि भारत के हर शख्स में जो भारत की आत्मा काम करती है, हमें वो बनना है. भारत का एक मन, एक बुद्धि और एक आत्मा है. उसका एक ही आत्मस्वरूप सत्य है. भारत सत्य के साक्षात्कार से बना है.

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