पीएम मोदी बोले ‘मन की बात’, 10 बेटों के बराबर है एक बेटी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम का यह 40वां एपिसोड था. जबकि साल 2018 का पहला संस्करण था.

मन की बात

अपने कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि 2018 की यह पहली मन की बात है. दो दिन पहले ही हमने गणतंत्र पर्व को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया. 10 देशों के मुखिया उपस्थित रहे.

मन की बात बोले मोदी

– 1 फरवरी कल्पना चावला की पुष्यतिथि है. वो लाखों भारतीयों की प्रेरणास्रोत हैं.

– हमने कल्पना जी को बहुत कम उम्र में खो दिया. नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है. कुछ भी असंभव नहीं है.

– खुशी होती है कि भारत में आज महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. देश का गौरव बढ़ा रही हैं.

– भारतीय विदुषियों की लंबी परंपरा रही है. वेदों को रचने में उनका असीम योगदान है. जैसे लोपामुद्रा और गार्गी. हम बेटी बचाओ की बात करते हैं. वेदों में कहा गया एक बेटी 10 बेटों के बराबर है.

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– नारी परिवार और समाज को एक सूत्र में बांधती है. नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है.

– नारी शक्ति माइल स्टोन स्थापित कर रही हैं. राष्ट्रपति ने उन असाधारण महिलाओं के गुट से मुलाकात की जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में कुछ असंभव को संभव कर दिखाया है.

– माटुंगा भारत का पहला ऐसा स्टेशन है जहां हर तरफ महिला स्टाफ है. इस बार बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीएसएफ की महिला कंटिन्जेंट ने रिपब्लिक डे पर समां बांध दिया.

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– छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने एक नई मिसाल कायम की है. यहां महिलाएं ई-रिक्शा चला रही हैं. इससे तीन फायदे हो रहे हैं. इससे पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है. बिहार में जिला प्रशासन भी इन्हें महत्व दे रहा है.

– कहते हैं कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. हमारे समाज की विशेषता सेल्फ करेक्शन है. यानी आत्म सुधार. किसी भी जीवंत समाज की यही विशेषता होती है.

– बिहार में 13 हजार किलोमीटर की ह्यूमन चेन बनाई गई. दहेज और बाल विवाह से लड़ने के लिए राज्य ने संकल्प लिया. यह राज्य की सीमाओं तक जुड़ती चली गई. जरूरी है कि समाज इनसे मुक्त हो. सीएम और प्रशासन की प्रशंसा करता हूं.

– आज देशभर में तीन हजार से ज्यादा औषधि केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं. इससे न सिर्फ दवाइयां सस्ती मिल रही हैं, बल्कि व्यक्तिगत एंटरप्रोन्यरशिप के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

– 30 जनवरी को पूज्य बापू की पुण्य-तिथि है, जिन्होंने हम सभी को एक नया रास्ता दिखाया है. उस दिन हम शहीद दिवस मनाते हैं. हम संकल्प करें कि बापू के रास्ते पर चलें. इससे बड़ी श्रद्धांजलि क्या हो सकती है
– मेरे प्यारे देशवासियों, आप सब को 2018 की शुभकामनायें देते हुए, मेरी वाणी को विराम देता हूं. बहुत-बहुत धन्यवाद.
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