15 लाख करोड़ रुपयों में से कालाधन खंगालेगी मोदी सरकार, आईटी प्रोफेशनल्स कर रहे मदद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते साल 8 नवम्बर को नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसे 1 साल बीत चुके हैं। सरकारी आंकड़ो की माने तो नोटबंदी से 15 लाख करोड़ रुपए बैंकों में जमा हुए हैं। लेकिन इस जमा धनराशि में कितना कालाधन है। इस चीज़ को खंगालने के लिए मोदी सरकार आईटी प्रोफेशनल्स की मदद ले रही है। इन आईटी प्रोफेशनल्स ने ही नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर बैंकों में हुए संदिग्ध लेनदेन की पहचान की थी। बाद में इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट ने इस पर कार्रवाई करते हुए 18 लाख से ज्यादा लोगों को नोटिस भेज कर ट्रांजैक्शन को एक्सप्लेन करने को कहा है। अब भी ऐसे लोगों कई लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
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आईटी डिपार्टमेंट के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि नोटबंदी के बाद बैंकों में 15 लाख करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर हुए ट्रांजैक्शन की तेजी से जांच के लिए आईटी डिपार्टमेंट के पास न तो मैन पावर थी और न टेक्निकल एक्सेपर्टीज थी।
ऐसे में सरकार ने इस काम के लिए एक एजेंसी को आउटसोर्स किया है, जो आईटी प्रोफेशनल्स की मदद से नोटबंदी के बाद हुए ट्रांजैक्शन का गणना कर रही है और संदिग्ध तरीके से हुए लेनदेन पर आगे की कार्रवाई के लिए इनकम टैक्सस विभाग को जानकारी मुहैया कर रही है।
रिटर्न न भरने वाले भी जांच के घेरे में
आईटी ऑफिसर के मुताबिक, ‘एजेंसी के आईटी प्रोफेशनल्स, सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा से ऐसे लोगों की पहचान भी कर रहे हैं जो टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे, जबकि वो इस दायरे में आते हैं’। साथ ही आईटी डिपार्टमेंट को उम्मीद है कि आने वाले वक्त में ऐसे ज्यादा से लोगों को टैक्स नेट में जोड़ा जा सकेगा।
बेनामी प्रॉपर्टी की पहचान में में तेजी की सम्भावना
आईटी डिपार्टमेंट के सीनियर ऑफिसर ने कहा कि अगर सरकार प्रॉपर्टी को आधारकार्ड से जोड़ने का फैसला करती है, तो इससे बेनामी प्रॉपर्टी की पहचान करना बहुत आसान हो जाएगा। इस बात पर प्रधानमंत्री मोदी भी जोर दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आधार बेनामी प्रॉपर्टी के खिलाफ जंग में बड़ा हथियार बन सकता है।
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उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से आईटी प्रोफेशनल्स काफी कम वक्त में बेनामी प्रॉपर्टी रखने वालों की पहचान करने में सरकार की मदद कर सकते हैं।
नए साल से कार्रवाई शुरू करेगा आईटी डिपार्टमेंट
ऑफिसर का कहना है कि आईटी प्रोफेशनल्सर की वजह से हमने काफी कम वक्त में सस्पेक्टेड लेनदेन की पहचान करने और लोगों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि नए साल से ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन शुरू हो जाएगा।