खनन माफियाओं ने बीच नदी में बना दिया पुल, अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

रिपोर्ट- रवि पाण्डेय

सोनभद्र। सूबे में सत्ता जरूर बदली नही बदली तो खनन करने वालो की नीति जिसका खामियाजा स्थानीय जनता के साथ ही जलीय जीव जंतुओं को भी भुगतना पड़ रहा है। सोनभद्र में सोन और कनहर नदी में बालू खनन करने वालो ने नदी में अस्थायी पुल बांध कर जलधारा को रोक दिया है। जिससे नदी के अस्तिव पर ही खतरा मंडराने लगा है।

खनन का विरोध

इसके विरोध में अस्थायी पुल पर आदिवासियों संग सोनांचल संघर्ष वाहिनी ने सोन नदी बचाओ-जलधारा मुक्त कराओ का नारा बुलंद कर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के कहना था कि बालू खनन कर रहे संगठित ठेकेदारों ने सोन नदी की जलधारा रोककर जबरन अस्थायी पुल बांध दिया है जिससे जलीय-जीव जंतुओं को भारी खतरा पैदा हो गया है । सोन नदी की पूरी रूपरेखा को खनन माफियाओं ने बदल दी है जिससे पुल के आगे नदी पूरी तरह से सूख गई है।

सोनभद्र में बालू खनन पट्टाधारकों  ने नदियों (सोन नदी के बरहमोरी, रेणुका नदी के खेबन्धा और कनहर नदी के खोखा) की जलधारा रोककर नदी के अस्तिव पर ही खतरा पैदा कर दिया है। नदी के अस्तिव को बचाने के लिए आज कोन थाना इलाके के बरहमोरी बालू साईड पर सोन नदी में अस्थायी पुल बनाये जाने तथा इससे जलीय जीवों को होने वाले खतरे से बचाने के लिए सोनांचल संघर्ष वाहिनी के नेतृत्व में आदिवासियों ने सोन नदी में बने अस्थायी पुल पर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन थानाध्यक्ष को सौंपा।

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प्रदर्शनकारियों के कहना था कि बालू खनन माफियाओं ने संगठित रूप से सोन नदी की जलधारा को रोककर जबरन अस्थायी पुल बाध दिया है जिससे जलीय जीव जंतुओं को भारी खतरा हो गया है। इसके साथ ही अभी  किसानों को सूखा का सामना करना पड़ रहा है तो बरसात के दिनों में बाढ़ से भी जूझना पड़ेगा। जनपद की सभी नदियों में खुल्लम खुल्ला अवैध खनन कर बालू माफियाओ द्वारा लुटा जा रहा है।

 

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