भीमा-कोरेगांव हिंसा का मुख्यारोपी मिलिंद एकबोटे गिरफ्तार, नहीं मिली कोर्ट से राहत

पुणे। पुणे की ग्रामीण पुलिस ने बुधवार को हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार कर लिया। एकबोटे पर एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव में जातीय हिंसा भड़काने का आरोप है। एक अधिकारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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जातीय हिंसा

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी कि (1 जनवरी और उसके बाद की) जातीय हिंसा के गंभीर मामलों को छोड़कर पुलिस में दर्ज अन्य सभी मामले वापस लिए जाएंगे।

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पुणे ग्रामीण पुलिस की एक टीम ने 60 वर्षीय एकबोटे को शिवाजीनगर के उनके घर से कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार दोपहर गिरफ्तार किया।

जनवरी की शुरुआत में पुणे शहर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसे बाद में जांच और कार्रवाई के लिए पुणे ग्रामीण पुलिस को सौैंप दिया गया। दो दलित कार्यकर्ताओं ने एकबोटे और एक अन्य दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिडे उर्फ गुरुजी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इससे पहले पुणे ग्रामीण पुलिस ने एकबोटे को कम से कम पांच बार समन जारी किया था लेकिन वह केवल एक बार ही पेश हुए। उन पर जांच में पुलिस से सहयोग नहीं करने का आरोप है।

उन्होंने पुणे के सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी जिसे 22 जनवरी को रद्द कर दिया गया था। उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की जिसे दो फरवरी को फिर से खारिज कर दिया गया।

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